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कोर्ट कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग पर बोले CJI, ‘जजों को भी ट्रेनिंग की जरूरत’

09:36 AM May 07, 2023 IST | Supriya Sarkaar

नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि आज जज के रूप में हमें भी ट्रेनिंग की जरूरत है। हम सोशल मीडिया के दौर में काम कर रहे हैं। कोर्ट में हम जो भी कहते हैं वह एक-एक शब्द सार्वजनिक बहस के लिए मौजूद है। सीजेआई शनिवार को कटक में ओडिशा हाई कोर्ट के एक कार्यक्रम में “कोर्ट कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग और इसके असर” के बारे में बोल रहे थे। चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि हम जिस डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाने का इरादा रखते हैं, उसमें पहला पेपरलेस कोर्ट है और दूसरा वर्चुअल कोर्ट है। 

उन्होंने कहा, ‘आज ज्यादातर हाई कोर्ट यूट्यूब पर लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे हैं, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है। उन्होंने पटना हाई कोर्ट की कार्यवाही का जिक्र किया, जिसमें हाई कोर्ट ने आईएएस अफसर से सवाल किया कि वह ढंग से कपड़े पहनकर क्यों नहीं आए? वहीं, गुजरात हाई कोर्ट में जज ने महिला वकील से पूछा कि वह केस के लिए अच्छे से तैयारी करके क्यों नहीं आई?  

क्लिप्स को नियंत्रित करने की आवश्यकता 

सीजेआई ने कहा कि यूट्यूब पर हाई कोर्ट की कार्यवाही की कई सारी मजाकिया क्लिप्स मौजूद हैं, जिसे नियंत्रित करने की जरूरत है। कोर्ट में जो कुछ भी होता है, वो बहुत ही गंभीर बात है। लाइव स्ट्रीमिंग का ये दूसरा पहलू है। इसके लिए जज के रूप में हमें प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है, क्योंकि कोर्ट में कही हमारी हर बात सार्वजनिक प्लेटफॉर्म पर मौजूद रहती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट उस योजना पर काम कर रहा है ताकि कोर्ट के अंदर ऐसी शब्दावली का इस्तेमाल हो, जिससे किसी को किसी शब्द को लेकर बुरा न लगे। किसी को यह न लगे कि उसका उपहास उड़ाया गया है।

AI की जरूरत बताई

भारत के प्रधान न्यायाधीश ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की जरूरत भी बताई। उन्होंने कहा कि आप ऐसे कैसे उम्मीद करते हैं कि एक जज 15000 पन्नों वाले पूरे सबूत को कैसे पढ़ या समझ सकता है। इस मामले में जज की मदद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर सकता है और एक रिकॉर्ड भी तैयार कर सकता है।

डाटा सिक्योरिटी पर बनाई कमेटी 

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी को लेकर हम कैसे डाटा सुरक्षा और डाटा निजता को सुरक्षित रखेंगे? सीजेआई ने कहा कि हमने इसके लिए एक कमेटी का गठन किया है लेकिन इसमें समय लगेगा। हम डाटा सुरक्षा और प्राइवेसी के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल बनाने की प्रक्रिया में हैं, जब यह पूरा हो जाएगा तो हम एक बड़ी उपलब्धि हासिल कर लेंगे। 

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