होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

इसरो का नया मिशन : चांद पर कहां लैंड करेगा चंद्रयान-4 !

Chandrayaan-4 landing site : इसरो ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉप्ट लैंड कराकर इतिहास रच दिया था। अब इसरो जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ काम कर रहा है। दोनों मिलकर लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) पर काम कर रहे हैं। इसी मिशन का नाम चंद्रयान-4 है।
12:29 PM May 14, 2024 IST | BHUP SINGH

Chandrayaan-4 landing site : नई दिल्ली। पिछले साल 23 अगस्त को इसरो ने चंद्रयान-3 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉप्ट लैंड कराकर इतिहास रच दिया था। अब इसरो चांद पर एक बार फिर अपनी धाक जमाने के लिए जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ काम कर रहा है। दोनों मिलकर लूनर पोलर एक्सप्लोरेशन मिशन (LUPEX) पर काम कर रहे हैं। इसी मिशन का नाम चंद्रयान-4 है। चंद्रयान-4 की चांद पर लैंडिंग साइट क्या होगी? इसे लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। मिशन पर काम कर रहे एसएसी निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि चंद्रयान-4 की लैडिंग साइट का चंद्रयान-3 से गहरा कनेक्शन है।

यह खबर भी पढ़ें:-चंद्रमा की ऑर्बिट में पहुंचा पाकिस्तान, ऐसा करने वाला बना छठा देश

चंद्रयान-4 पर काम कर रहे एसएसी निदेशक नीलेश देसाई का कहना है कि भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान -4 का मुख्य मकसद चांद से सतह की मिट्टी को भारत वापस लाना है। इस मिशन पर जापान और भारतीय दोनों देशों की अंतरिक्ष एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। यह मिशन साल 2028 तक लॉन्च किए जाने की उम्मीद है। नीलेश देसाई ने बताया कि मिशन में हमारी कोशिश है कि चंद्रयान-4 को चांद की उस सतह के पास उतारा जाए, जहां चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई थी।

देसाई के मुताबिक, चंद्रयान-3 को शिव शक्ति पॉइंट के उतना पास उतारने की कोशिश की जाएगी, जितना हो सके। गौरतलब है कि शिव-शक्ति पॉइंट चांद पर वो स्थान है, जहां चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई थी।

खास जगह पर लैंडिंग की वजह

एसएसी निदेशक नीलेश देसाई का कहना है कि चंद्रयान-4 को शिव-शक्ति पॉइंट के पास उतारने का कारण बेहद खास है। दरअसल, इस स्थान पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग हुई थी और लैंडिंग के बाद यान ने चांद की सतह पर तमाम खोज की थी। चंद्रयान-4 को अपने मिशन को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

शिव-शक्ति पॉइंट वो जगह है, जहां चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम ने चांद की सतह पर पानी समेत कई महत्वपूर्ण चीजों की खोज की थी। देसाई ने यह भी कहा कि मिशन एक चंद्र दिवस के बराबर होगा। गौरतलब है कि चांद पर एक दिन पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर होता है। चांद पर रातें बेहद सर्द होती हैं। इस दौरान चांद पर तापमान -200 डिग्री तक चला जाता है। इस दौरान यान के उपकरणों के खराब होने या जमने की काफी संभावना होती है।

यह खबर भी पढ़ें:-तीसरी बार जागा जापान का ‘चंद्रयान’, स्लिम लैंडर ने फिर भेजी तस्वीर

Next Article