होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

Chandrayaan-3 : ऐसे होगी चांद पर विक्रम की लैंडिंग, 17 मिनट होंगे बेहद खास, क्या करेगा रोवर?

चंद्रमा की सतह पर आज शाम 6:04 बजे चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होने वाली है। ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई है।
10:00 AM Aug 23, 2023 IST | Anil Prajapat
Chandrayaan-3

chandrayaan 3 : नई दिल्ली। चंद्रमा की सतह पर आज शाम 6:04 बजे चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग होने वाली है। ऐसे में भारत के चंद्रयान-3 पर दुनियाभर की नजरें टिकी हुई है। हर कोई इस ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए बेताब है। अभी चांद पर उतरने में कुछ घंटे शेष है, लेकिन सबकी धड़कनें तेज हो गई हैं। चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान आखिरी के 17 मिनट बेहद अहम होने वाले हैं। इस मिशन के सफल होने के बाद भारत अमेरिका, चीन और रूस की बराबरी कर लेगा, जिनका मिशन मून सफल हुआ है। लेकिन, क्या आपको पता है कि चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग कैसे होगी?

ऐसे होगी चांद पर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग

चंद्रमा पर उतरने से दो घंटे पहले, लैंडर मॉड्यूल की स्थिति और चंद्रमा पर स्थितियों के आधार पर यह तय करेंगे कि उस समय इसे उतारना उचित होगा या नहीं। अगर कोई भी फैक्टर तय पैमाने पर नहीं रहा तो लैंडिंग 27 अगस्त को कराई जाएगी। चांद पर चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग 4 चरणों में होगी। जिनमें रफ ब्रेकिंग फेज, ऑल्टिट्यूड होल्ड फेज, फाइन ब्रेकिंग फेज और टर्मिनल डिसेंट फेज यानी टचडाउन चरण शामिल है।

रफ ब्रेकिंग फेज : चंद्रमा की सतह की ओर बढ़ने वाला यह पहला चरण काफी कठिन है, क्योंकि साल 2019 में चंद्रयान-2 लैंडिंग से महज कुछ मिनट पहले ही क्रैश हो गया था। शुरुआत में कमांड मिलते ही लैंडर विक्रम 25 किमी की ऊंचाई से चांद की सतह की ओर बढ़ना शुरू करेगा। 750 किमी दूर होगा, तब विक्रम लैंडिंग साइट से स्पीड 1.6 किमी/सेकंड होगी। 690 सेकेंड के दौरान विक्रम के सभी इंजन स्टार्ट होकर उसकी रफ्तार कम करेंगे। 7.4 किमी की ऊंचाई पर होगा, तब 358 मीटर/सेकंड सतह के समांतर स्पीड होगी। लेकिन, चंद्रमा की सतह पर आने के दौरान रफ्तार 61 मीटर/सेकंड रह जाएगी।

ऑल्टिट्यूड होल्ड फेज : विक्रम चांद की सतह की फोटो खींचेगा और पहले से मौजूद तस्वीरों से उनकी तुलना करेगा। सतह के समांतर स्पीड 336 मीटर/सेकंड और नीचे आने की स्पीड 59 मीटर/सेकंड रह जाएगी।

फाइन ब्रेकिंग फेज : यह सबसे कठिन चरण है। यह चरण 175 सेकेंड का होगा। इस दौरान सतह से ऊंचाई 1300 से 800 मीटर के बीच हो जाएगी। विक्रम के सभी सेंसर शुरू होंगे। लैंडर के सेंसर्स चांद की सतह पर लेसर किरणें डालकर लैंडिंग के लिए सही जगह खोजेंगे।

टचडाउन चरण : इस चरण में 131 सेकंड में लैंडर सतह से 150 मीटर ऊपर रह जाएगा और गति 60 मीटर/सेकंड होगी। विक्रम का हैजर्ड डिटेक्शन कैमरा सतह की फोटो लेगा। अगर सब सही दिखा तो विक्रम 73 सेकेंड में चांद पर उतरेगा। नो-गो कंडीशन होगी तो 150 मीटर आगे फिर सतह चेक करेगा और सब कुछ सही रहा तो लैंड करेगा। सॉफ्ट लैंडिंग के लिए लैंडर की स्पीड 1.68 मीटर/सेकंड रहेगी।

ये खबर भी पढ़ें:-जब पहली बार चांद पर इंसान उतरा…तब भी उत्साहित थे गहलोत, स्कूली बच्चों संग आज देखेंगे चंद्रयान 3 की लैंडिंग

लैंडिंग के बाद क्या?

चंद्रयान-3 की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के बाद विक्रम लैंडर कुछ देर खड़ा रहेगा। इस दौरान आसपास उड़ रही धूल छंटने का इंतजार करेगा। इसके बाद विक्रम लैंडर खुलेगा और उसमें से प्रज्ञान रोवर नीचे उतरेगा। माना जा रहा है कि इस पूरी प्रक्रिया में करीब 3 घंटे लगेंगे। इसके बाद विक्रम लैंडर प्रज्ञान रोवर की और प्रज्ञान रोवर अपने लैंडर की फोटो खींचेगा। जिन्हें बेंगलुरू के मिशन कमांड सेंटर को भेजी जाएंगी। इसके बाद प्रज्ञान रोवर चंद्रमा पर चलेगा और तस्वीरें लेगा। चंद्रमा की सतह पर चीजों को नापना, खनिजों व सामग्री के बारे में जानकारियां मुहैया करवाएगा। बता दें कि जैसे-जैसे प्रज्ञान आगे बढ़ेगा, चांद की सतह पर तिरंगा और इसरो का लोगो बनता चला जाएगा। चांद के मौसम और सतह के बारे में जानकारी देगा। यह आयन और इलेक्ट्रॉन की मात्रा बताएगा। प्रज्ञान जानकारियों को लैंडर तक पहुंचाएगा। प्रज्ञान सिर्फ लैंडर से संवाद कर सकता है।

ये खबर भी पढ़ें:-चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर आज सॉफ्ट लैंडिंग के साथ रचेगा इतिहास, आखिरी के 20 मिनट होंगे काफी अहम

Next Article