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पाकिस्तान से आए शिकारी बाज की वन विभाग के रेस्क्यू सेंटर में मौत, BSF जवानों ने पकड़ा था

02:34 PM Dec 28, 2023 IST | Sanjay Raiswal

BSF Caught Hunting Eagle : राजस्थान में भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर के शाहगढ़ क्षेत्र में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने पकड़े शिकारी बाज की मौत हो गई है। बुधवार देर शाम को जैसलमेर बीएसएफ के साउथ सेक्टर डाबला की बटालियन के जवानों ने इस बाज को पकड़ा था। बीएसएफ के जवानों ने अपनी जांच-पड़ताल के बाद इस बाज को वन विभाग को सुपुर्द किया था। जिसके बाद वन विभाग रेस्क्यू सेंटर में बाज की मौत हो गई। अब वन विभाग की टीम मृत बाज का पोस्टमार्टम कराएगी। बताया जा रहा है कि यह बाज पालतू था। हालांकि, बाज के पास से किसी भी तरह का ट्रांसमीटर आदि नहीं मिला।

बीएसएफ से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय बार्डर क्षेत्र में पकड़ा गया यह पाकिस्तानी फाल्कन बाज सीमा पार से उड़कर आया था। हालांकि, अब तक की जांच में इस बाज पर किसी भी प्रकार का ट्रांसमीटर एंटीना लगा नहीं पाया गया। इस बीच संभावना जताई जा रही है कि यह बाज अरब के राजपरिवार के सदस्यों का हो सकता है, जो कि इन दिनों हुबारा बर्ड के शिकार के लिए जैसलमेर से लगती सीमा के सामने पाकिस्तान से आए हुए हैं।

पाक में शिकार करते हैं अरब के शेख…

बता दें कि अरब के राजपरिवार के शहजादे हर साल शिकार करने पाकिस्तान आते हैं। अरब के शेख भारत-पाक सीमा के पास कई पक्षियों का शिकार करते हैं। वे अपने साथ दर्जनों ट्रेंड शिकारी बाज लेकर आते हैं। कभी-कभार ये रास्ता भटक कर राजस्थान के सीमावर्ती इलाकों में आ जाते हैं। बताया जाता है कि पाकिस्तानी सरकार इन्हें शिकार के लिए परमिट जारी करती है। इसके बदले में इनसे मोटी धनराशि वसूल करती है और यह उनका ट्रेंड बाज है। फिलहाल, वन विभाग की टीम मृत बाज का पोस्टमार्टम कराएगी।

दुनिया की सबसे लंबी यात्रा करने वाला पक्षी है यह बाज...

यह बाज परिवार का छोटा शिकारी पक्षी है, इन्हें फाल्को एम्यूरेंसिस कहा जाता है। अमूर फाल्कन नाम रूस और चीन की सीमा पर बहने वाली अमूर नदी से मिलता है। अमूर बाज को दुनिया की सबसे लंबी यात्रा करने वाला पक्षी कहा भी जाता है, क्योंकि ये 20,000 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय कर सकता है। पहली बार यहां विशेष प्रवासी पक्षी अमूर फाल्कन देखा गया है। अमूर फाल्कन किसी एक जगह अपना घर बना कर नहीं रहता। यह वातावरण के हिसाब से अपना घर बदलता रहता है, इसलिए इसे 'बंजारा' परिंदा भी कहा जाता है।

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