होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

किडनी-लीवर ट्रांसप्लांट केस में ACB की जांच तेज, अब जयपुर के बड़े हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों से होगी पूछताछ

11:28 AM Apr 07, 2024 IST | Sanjay Raiswal

Acb Action In Jaipur : राजस्थान के सबसे बड़े SMS हॉस्पिटल में रुपए लेकर अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) की फर्जी एनओसी देने के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की कार्रवाई तेज हो गई है। एसीबी अब प्रदेश के 3 बड़े हॉस्पिटल्स के डॉक्टरों से पूछताछ करेगी। एसीबी की टीम ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS), फोर्टिस और ईएचसीसी के डॉक्टर्स और मैनेजमेंट के लोगों की लिस्ट बनाई है।

ये वो लोग हैं जो अंग प्रत्यारोपण के लिए बनी कमेटी से डायरेक्ट या इनडायरेक्ट संबंध रखते हैं। वहीं, एसीबी की पूछताछ में SMS के सहायक कर्मचारी और आरोपी गौरव सिंह के पास मिले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से भी बड़े खुलासे हो सकते हैं। इसलिए इनकी जांच एफएसएल को सौंपी गई है। इसी बीच राज्य सरकार ने ऑर्गन ट्रांसप्लांट केस में एसएमएस कॉलेज के प्रिंसिपल को भी नोटिस जारी किया है।

बता दें कि एसीबी ने 31 मार्च को रात देर रात 1.30 बजे SMS हॉस्पिटल में कार्रवाई करते हुए फर्जी एनओसी देने वाले सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह और ईएचसीसी हॉस्पिटल के ऑर्गन ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर अनिल जोशी को लेनदेन करते रंगे हाथ पकड़ा था। एसीबी ने मौके से 70 हजार रुपए और 3 फर्जी एनओसी लेटर भी जब्त किए थे। कार्रवाई के बाद एसीबी ने आरोपियों के घर और अन्य ठिकानों पर भी सर्च किया थे। इनकी गिरफ्तारी से खुलासा हुआ था कि फोर्टिस हॉस्पिटल का को-ऑडिनेटर विनोद सिंह भी कुछ समय पहले पैसा देकर फर्जी सर्टिफिकेट लेकर गया था। एसीबी ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था।

अस्पताल प्रशासन के मिलीभगत होने का शक

एसीबी के डीआईजी डॉक्टर रवि ने बताया कि एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत के बिना गौरव यह काम नहीं कर सकता था। इसलिए एसीबी की टीम ने वह रूम सीज कर दिया है, जिसमें यह डिपार्टमेंट चलता था। एसएमएस के डॉक्टर और कमेटी के सदस्यों के हस्ताक्षर और सील ली गई हैं। इनकी जांच करने के बाद उन्हें भी एफएसएल को भेजा जाएगा। वहीं, दोनों निजी अस्पताल (फोर्टिस-ईएचसीसी) के डॉक्टरों और मैनेजमेंट भी शक के दायरे में हैं। क्योंकी कॉ-ऑर्डिनेटर 35 हजार रुपए अपनी जेब से नहीं देता था। यह पैसा अस्पताल की ओर से मिलता था। ऐसे में अस्पताल प्रशासन को जानकारी थी की एसएमएस से आ रहे सर्टिफिकेट फर्जी हैं। जानकारी होने के बाद भी पैसा बनाने के लिए इन लोगों ने यह काम जारी रखा।

यह खबर भी पढ़ें :- SMS हॉस्पिटल में ऑर्गन ट्रांसप्लांट में फर्जीवाड़ा, ACB ने 2 अधिकारियों को दबोचा…पैसे लेकर देते थे फर्जी NOC

मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को भेजा नोटिस

वहीं, राज्य सरकार ने इस पूरे मामले में SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर राजीव बगरहट्टा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि समिति को मानव अंग प्रत्यारोण के लिए एनओसी जारी करने के लिए समय-समय पर आवश्यक बैठक आयोजित करनी थीं। यह जानकारी में आया है कि पिछले एक साल से नियमानुसार बैठक आयोजित नहीं की गई। बैठक आयोजित नहीं करने के संबंध में समिति के अध्यक्ष डॉक्टर बगरहट्टा से 3 दिन में जवाब मांगा है।

गुरुग्राम में ऑर्गन ट्रांसप्लांट के मामले में जयपुर में भी केस दर्ज

वहीं, दूसरी तरफ हरियाणा के गुरुग्राम में किडनी रैकेट का मामला सामने आने पर जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने भी केस दर्ज किया है। गुरुग्राम में हरियाणा सीएम की फ्लाइंग टीम के ऑपरेशन में एक डोनर और दो रिसीवर होटल से गिरफ्तार हुए हैं। उन्होंने खुलासा किया है कि यह अवैध ऑपरेशन जयपुर से फोर्टिस हॉस्पिटल में हुआ था।

यह खबर भी पढ़ें :- ‘कान खोलकर सुन लो मोदी को वोट नहीं दिया तो…’ BJP की पूर्व सांसद संतोष अहलावत के बिगड़े बोल!

Next Article