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चंद्रयान-3 मिशन के लिए कल बड़ा दिन, भारत फिर रच सकता है इतिहास, सूर्योदय का बेसब्री से इंतजार, देखें

सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 ट्रेंड कर कहा है इसके पीछे की वजह है कि कल चंद्रयान-3 के लिए खास दिन है। दरअसल, शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड से बाहर आने वाले हैं।
09:48 PM Sep 21, 2023 IST | Kunal Bhatnagar
चंद्रयान 3 मिशन के लिए कल बड़ा दिन  भारत फिर रच सकता है इतिहास  सूर्योदय का बेसब्री से इंतजार  देखें

Chandrayaan-3: सोशल मीडिया पर चंद्रयान-3 ट्रेंड कर कहा है इसके पीछे की वजह है कि कल चंद्रयान-3 के लिए खास दिन है। दरअसल, शुक्रवार को चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर स्लीप मोड से बाहर आने वाले हैं। 16 दिनों तक स्लीप मोड में रहने के बाद, लैंडर और रोवर शुक्रवार को इसरो द्वारा सक्रिय किए जाएंगे।

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सक्रिय करने का किया जाएगा प्रयास

इसरो (एसएसी) के निदेशक नीलेश देसाई ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि हम 22 सितंबर को लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने का प्रयास करेंगे और अगर हम भाग्यशाली रहे, तो ऐसा होगा। हमें कुछ और प्रायोगिक डेटा मिलेंगे जो चंद्रमा की सतह की आगे की जांच में उपयोगी होंगा।

केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी

चंद्रयान-3 मिशन को लेकर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि देश अब कुछ घंटों में प्रज्ञान और विक्रम के नींद से जागने का इंतजार कर रहा है, ऐसा होते ही भारत दुनिया में इस उपलब्धि को हासिल करने वाला पहला देश बन जाएगा।

"हम सूर्योदय का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चंद्रमा पर 14 दिन की रात खत्म होने वाली है और हम वहां सूर्योदय और इसके साथ ही विक्रम और प्रज्ञान के सक्रिय होने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। लैंडर और रोवर दोनों को इस महीने की शुरुआत में क्रमशः 4 और 2 सितंबर को स्लीप मोड में डाल दिया गया था।

सोलर पैनल के सूर्य की रोशनी से चार्ज होने की उम्मीद है

चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र, जहां लैंडर और रोवर दोनों स्थित हैं, से सूर्य की रोशनी लौटने और उनके सौर पैनलों के जल्द ही चार्ज होने की उम्मीद है। इसरो अब उनसे दोबारा संपर्क स्थापित करने और उनके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए तैयार है।

नीलेश देसाई ने बताया कि हमने लैंडर और रोवर दोनों को स्लीप मोड पर डाल दिया था क्योंकि तापमान शून्य से 120-200 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने की उम्मीद थी। हमें उम्मीद है कि चंद्रमा पर सूर्योदय के साथ 22 सितंबर तक सौर पैनल और अन्य चीजें पूरी तरह चार्ज हो जाएंगी। इसलिए हम लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने का प्रयास करेंगे।

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