नफरत के खिलाफ 'पैदल सत्याग्रह' का एक साल, भारत जोड़ो की पहली सालगिरह पर राहुल ने किया ये बड़ा वादा
Bharat Jodo Yatra First Anniversary: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को आज एक साल पूरा हो गया है जहां राहुल ने पिछले साल 7 सितंबर को ही कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा शुरू की जिसमें राहुल ने पार्टी के कई नेताओं के साथ देश में करीब 4,000 किलोमीटर से लंबा सफर तय किया. मालूम हो कि राहुल की यात्रा कन्याकुमारी से चलकर इसी साल 30 जनवरी को श्रीनगर में 145 दिन बाद पूरी हुई थी.
हालांकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यात्रा अभी जारी है और जल्द ही इसका दूसरा चरण भी देखने को मिल सकता है. इधर यात्रा का एक साल पूरा होने के बाद पार्टी ने देश के हर जिले में भारत जोड़ो यात्रा निकालने का ऐलान किया है.
वहीं यात्रा का एक साल पूरा होने पर राहुल गांधी ने कहा कि यह यात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक नफरत खत्म नहीं हो जाती और भारत एकजुट नहीं हो जाता. इसके अलावा राहुल ने अपनी 4,000 किलोमीटर से अधिक की कन्याकुमारी से कश्मीर यात्रा का एक वीडियो साझा करते हुए कहा है कि हम देश की बेहतरी के लिए ऐसे ही चलते रहेंगे.
कांग्रेस मना रही सालगिरह
वहीं जानकारी के मुताबिक कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा का एक साल पूरा होने पर जिला स्तर से लेकर देशभर में कई यात्राएं और कार्यक्रम आयोजित कर रही है. इधर राजस्थान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने आयोजन को लेकर सभी जिला प्रमुखों को पत्र भेजकर 7 सितंबर को भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ मनाने के आदेश दिए हैं.
वहीं संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटियों एक पत्र भेजकर हाईकमान के आदेशों का हवाला देते हुए भारत जोड़ो यात्रा की पहली वर्षगांठ पर हर जिले में कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है.
भारत जोड़ो यात्रा जारी है : खरगे
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यात्रा का एक साल पूरा होने पर कहा कि यात्रा एक राष्ट्रीय जन-आंदोलन है, जो इतिहास में अद्वितीय है और आज यात्रा का एक साल पूरा होने पर, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से, मैं राहुल गांधी और सभी भारत यात्रियों और हमारे लाखों नागरिकों को बधाई देता हूं.
खरगे ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक, भारत जोड़ो यात्रा ने 4000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय की और जीवन के सभी क्षेत्रों के लोगों के साथ विविधता में एकता के लिए संवाद स्थापित किया और नफ़रत और विभाजन के एजेंडे को छिपाने के लिए, लोगों के वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए, अप्रासंगिक सुर्खियां बनाने की प्रवृत्ति हमारी सामूहिक चेतना पर एक सोचा-समझा प्रहार है.