अरे…भजन से इतनी आपत्ति क्यों? बालमुकुंदाचार्य ने धारीवाल से पूछा, बुढ़ापे में राम नाम जाप की सलाह
Balmukund Acharya : जयपुर। राजस्थान विधानसभा में सत्र के पहले दिन शपथ कार्रवाई के दौरान हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कांग्रेस नेता शांति धारीवाल के उस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। जिसमें धारीवाल ने भाजपा विधायकों को लेकर कहा था कि भजन मंडली आ गई। इस पर बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि बुढ़ापे में धारीवाल की बुद्धि भ्रष्ट हो गई। कभी कहते हैं कि यह मर्दों का प्रदेश है। अब कह रहे है कि भजन मंडली आ गई। अरे आपको भजन से इतनी आपत्ति क्यों हैं? भजन अच्छी चीज है… भजन मंडली आ गई तो भजन करेगी, सत्ग करेगी, 36 कौम को सं साथ में लेगी, सबका विश्वास जीतकर प्रदेश का विकास करेगी।
विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि धारीवाल की मति भ्रष्ट हो गई हैं। कभी बोलते हैं यह मर्दों का प्रदेश है। तुमको शर्म नहीं आई। बूढे़ आदमी, बुजुर्ग आदमी, इस उम्र में उनको नमोकार मंत्र का जाप करना चाहिए। राम नाम का जाप करना चाहिए। भगवान का भजन करें। इस तरह के गंदे बोल नहीं बोले। ये लोग सदन में काली पट्टी बांधकर आ गए। क्या संदेश देना चाहते हो? खुशी का माहौल है, प्रसन्नता का माहौल है। कुशासन चला गया है। जनता इनकी सरकार को डिलीट मार चुकी है। अब तो समझ जाओ। देव तुल्य जनता तुमको डिलीट मार चुकी है। उसके बाद काली पट्टी बांधकर विरोध कर रहे हैं।
हाथ में गदा और नारीयल लेकर सदन पहुंचे थे बालमुकुंदाचार्य
जयपुर के हवामहल से विधायक बालमुकुंदाचार्य बुधवार को एक हाथ में गदा व दूसरे हाथ में नारियल लिए सदन पहुंचे थे। उनके इस अंदाज को देखकर हर कोई चकित रह गया। विधानसभा के प्रवेश मुख्य द्वार पर समर्थकों ने बालमुकुंदाचार्य को 'गदा' सौंप दी। इसके बाद विधायक ने भी अपने हाथों में 'गदा' को धारण कर लिया। हालांकि, उन्होंने बाद में इसे वापस लौटा दिया। लेकिन विधायक का यह अंदाज लोगों में काफी चर्चा में रहा।
धारीवाल ने दिया था ये बयान
बता दें कि सदन की कार्रवाई शुरू होते ही बुधवार को विपक्ष के विधायक शांति धारीवाल ने अचानक विधानसभा सत्र बुलाए जाने पर आपत्ति जताई। । धारीवाल ने कहा था कि यह कोई भजन मंडली तो है नहीं जो अचानक कह दिया कि आज शाम को भजन है आ जाइए। उन्होंने कहा था कि नियम 302 के तहत आम चुनाव के बाद जब भी पहला सत्र बुलाया जाता है तो संविधान के सेक्शन 167 के मुताबिक विधानसभा के पहले सत्र की शुरुआत राज्यपाल के अभिभाषण से होती है। लेकिन, आपने 24 घंटे में नोटिस देकर विधानसभा का सत्र बुला लिया।
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