Atiq Ahmed Murder : अशरफ के चिट्ठियों में छिपा है हत्या का राज ! सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और सीएम योगी को भेजे गए ये बंद लिफाफे, एक पुलिस अधिकारी पर साजिश का आरोप !
प्रयागराज। माफिया से नेता बना अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और उसके भाई अशरफ अहमद की हत्या का राज अशरफ के तीन बंद लिफाफों में कैद है। अब इन बंद लिफाफों में क्या है ? जांच एजेंसी इसकी ही जांच में जुटी है। वहीं इन चिट्ठियों को सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दी गई हैं, क्योंकि अशरफ ने इन्हीं तीनों को नाम लिखकर इन्हें ही चिट्ठी भेजने को कहा था। वहीं चर्चा यह भी है कि आखिर यह बंद लिफाफा क्या है जो जांच एजेंसियों के नजर में है और इसे सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और मुख्यममंत्री योगी तक भेजा गया।
पुलिस अधिकारी पर हत्या की साजिश का आरोप
दरअसल अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ अहमद की हत्या से कुछ दिन पहले ही अशरफ ने कुछ चिट्ठियां लिख कर तीन लिफाफों में रखकर अपने एक विश्वसनीय व्यक्ति को दी थीं, जिसमें उसने यह अंदेशा जताया है कि जैसे ही वे जेल से निकलेगी उन्हें जान से मार दिया जाएगा। एक पुलिस अधिकारी ने इन दोनों की हत्या की साजिश रची थी। अब जांच एजेंसियां अधिकारी के नाम के खुलासे में जुटे हुए हैं।
कोर्ट से बरी होने के बाद अशरफ ने मीडिया से भी बताई थी बात
28 मार्च को जब अतीक अहमद और अशरफ को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया गया था, यहां पर कोर्ट ने अतीक अहमद को उम्र कैद की सजा और अशरफ अहमद को बरी कर दिया था। उसके बाद जब अशरफ अहमद कोर्ट से बाहर निकल कर आया तो उसने मीडिया को बयान दिए थे। जिसमें उसने कहा था कि एक पुलिस अधिकारी ने उसे जान से मारने की धमकी दी है।
उस पुलिस अधिकारी ने कहा है कि 2 हफ्ते के अंदर अंदर जेल से तुम्हें दोबारा निकलवा कर तुम्हारी हत्या कर दी जाएगी। अशरफ ने मीडिया से यह भी कहा था की अधिकारी ने हमें धमकाया है इसलिए हमें बार-बार जेल से निकलवा कर बाहर ले जाया जा रहा है। जिससे हमें बाहर ही जान से मार दिया जाए।
Atiq Ahmed ने भी मीडिया को जताया हत्या का अंदेशा
गौर करने वाली बात यह है कि जब अतीक अहमद को इस बार साबरमती जेल से प्रयागराज की जेल लाया जा रहा था तब साबरमती जेल से निकलते ही अतीक ने मीडिया से बातचीत की थी बैठकर उसने कहा था कि जब मेरी पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए होनी थी लेकिन फिर भी उसे जेल से निकालकर सड़क के रास्ते प्रयागराज ले जा रहे हैं इनकी नीयत ठीक नहीं है यह मुझे मार देना चाहते हैं।
सच हो ही गई हत्या की आशंका
अशरफ की लिखी हुई ये चिट्ठियां इंटरनेट मीडिया और प्रिंट-टीवी मीडिया में भी प्रसारित होने लगीं, जिसमें साफ-साफ देखा गया कि इस चिट्ठी में प्रेषक का नाम अतीक अहमद (Atiq Ahmed) लिखा हुआ है। यानी अतीक अहमद ने भी चिट्टियां लिखी थीं। इन चिट्ठियों के राज को लेकर चारों तरफ चर्चा चल रही है कि आखिर वह कौन सा पुलिस अधिकारी है जिसने इन दोनों की हत्या की साजिश रची और उसे अंजाम दिया। अपनी हत्या की साजिश को लेकर दोनों भाइयों ने मीडिया से कई बार कहा। उन्हें अपनी हत्या की आशंका काफी समय से थी जो कि आखिर में सच हो ही गई।
गुड्डू मुस्लिम का क्यों लियाथा नाम
इस बात पर भी गौर किया जा रहा है कि जब आखिरी बार अतीक अहमद और अशरफ अहमद को मेडिकल के लिए बयान से उतार कर ले जाया जा रहा था, तब अशरफ ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान गुड्डू मुस्लिम का नाम लिया था लेकिन गुड्डू मुस्लिम का नाम लेते ही अतीत पर पहले गोली चली उसके बाद सब को जान से मार दिया गया जिससे गुड्डू मुस्लिम का राज भी अशोक के जाने के साथ ही दफन हो गया ऐसे में अंदेशा यह लगाया जा रहा है कि अशरफ ने जो चिट्ठी लिखी हैं, क्या उसमें गुड्डू मुस्लिम को लेकर भी कोई जानकारी लिखी गई है अगर हां तो फिर यह जांच एजेंसी और पुलिस के लिए इस मामले की तहकीकात के लिए एक बड़ा हथियार साबित हो सकता है।
अतीक के वकील ने बताई सच्चाई
अशरफ ने अपनी चिट्ठी में क्या लिखा है उसे लेकर अतीक अहमद के वकील विजय मिश्रा ने जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि बरेली जेल में उन्होंने अशरफ से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने मुझे बताया था कि एक पुलिस अधिकारी ने पुलिस लाइन में लाकर उन्हें मारने की धमकी दी है लेकिन अशरफ ने उस पुलिस अधिकारी का नाम नहीं बताया। उसने कहा था कि आप वकील हैं, अगर मैंने नाम बता दिया तो इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है।
अशरफ ने यह भी कहा कि अगर मेरी हत्या हो जाती है तो एक बंद लिफाफे में रखी चिट्ठियों को सुप्रीम कोर्ट, इलाहाबाद हाईकोर्ट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज देना। ये लिफाफे सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिए गए हैं। गुड्डू मुस्लिम का नाम होने को लेकर विजय मिश्रा ने कहा कि यह तो नहीं कह सकता लेकिन हो सकता है कि चिट्ठी में गुड्डू मुस्लिम का भी नाम हो। गुड्डू मुस्लिम से जुड़ी कुछ बातें अशरफ ने मुझे जरूर बताई थी लेकिन यह मुझे भी नहीं पता कि गोली मारे जाने से पहले अशरफ गुड्डू मुस्लिम के बारे में क्या कहना चाह रहा था।
वकील की जान को भी खतरा
विजय मिश्रा ने इतना तक कह दिया कि मेरे इतनी सारी जानकारी सार्वजनिक करने के बाद अब मेरी जान को भी खतरा हो सकता है। क्योंकि मैं उनके मुकदमे की पैरवी कर रहा था। जब वह पुलिस की कस्टडी में और मीडिया के सामने किसी की हत्या करवा सकते हैं तो फिर मेरी जान के पीछे भी पड़ सकते हैं, मुझे भी जान का खतरा है।
प्रतापगढ़ जेल भेजे गए तीनों शूटर्स
बता दें कि अतीक और अशरफ को गोली मारने वाले शूटर्स को बीते सोमवार दोपहर नैनी सेंट्रल जेल से प्रतापगढ़ जिला जेल में भेज दिया गया है। क्योंकि नैनी जेल में अतीक गैंग के अपराधियों से उनके टकराव का खतरा हो सकता था। इसलिए शासन ने आदेश जारी करते हुए तीनों को प्रतापगढ़ की जेल में भेज दिया है।