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राम जी बुला रहे हैं…जब आधी रात जागकर पर काम पर लग जाते थे मूर्तिकार योगीराज

अयोध्या में करीब 500 साल बाद विराजमान हुए 'राम लला' की मूर्ति को तरासने वाले शिल्पकार योगीराज कभी-कभी आधी रात को काम पर लग जाते थे। वो कहते थे 'राम जी बुला रहे हैं।'
04:51 PM Jan 26, 2024 IST | BHUP SINGH

रामजन्मभूमि अयोध्या में 22 फरवरी को 'राम लला' की प्राण प्रतिष्ठा हो चुकी है। 23 जनवरी से आम जनता के लिए प्रभु श्री राम के दर्शन खोल दिए गए हैं। अयोध्या में 'राम लला' करीब 500 साल बाद विराजमान हुए हैं वो भी बालक रूप में। वैसे तो 'राम लला' की मूर्ति तीन मूर्तियों तैयार करवाई गई थी, लेकिन गर्भगृह में कर्नाटक के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार की गई मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई है।

'राम लला' की मूर्ति निर्माण में योगीराज के साथ संस्कृत और संगीत के जानकार समुधुर शास्त्री योगीराज भी थे। बताते हैं कि कई बार योगीराज आधी रात को 'राम लला' की मूर्ति को तरासने के काम में जुट जाते थे। हाल ही में मीडिया से रूबरू होते हुए समुधुर शास्त्री योगीराज ने बताया कि पहले 'राम लला' की मूर्ति तैयार करने के लिए सत्यनारायम पांडे को चुना गया था। बाद में जेजे भट्‌ट का नाम आया, लेकिन अंत में अरुण योगीराज को इसको बनाने का सौभाग्य मिला।

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अरुण योगीराज को प्रभु श्री राम का बालरूप बनाने के निर्देश दिए गए थे और खास बालों और विशेषताओं पर ध्यान देने के लिए कहा गया था। वह बताते हैं कि अरुण योगीराज बीते सात महीनों में बार-बार रात में जगाते थे और राम लला के बुलावे पर साथ चलने की अपील करते हैं। योगीराज ने कुछ से ही 'राम लला' की मूर्ति का काम किया था और फिर दोनों में तालमेल बिठाने में भी समय लग गया और अंत में तय हुआ कि टूटी-फूटी अंग्रेजी में बात करेंगे। उन्होंने कहा, पूरी प्रक्रिया में 7 से 8 महीने लगे। प्रक्रिया के दौरान शिल्पकार को काम करने की आजादी का भी ध्यान रखा गया।

कैसे हुई मूर्ति के लिए रिसर्च

मीडिया से रूबरू होते हुए समुधुर शास्त्री योगीराज ने बताया कि राम लला के उत्तर भारत के रूप को समझने के लिए हम स्वामी नारायण छपिया मंदिर पहुंचे और नौमिषारण्य मंदिरों में जानकारी जुटाई। हमने संतों के साथ भी 'राम लला' के दिव्य रूप को लेकर चर्चा की। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा समय-समय पर निरीक्षण करते रहे।

आमजन के लिए 'राम लला' के दर्शन सुगम और सुलभ हो इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद एक समिति गठित की गई है जिसकी देखरेख में सारी व्यवस्थाएं और प्रबंधन होगा। इस समिति के अध्यक्ष उत्तर प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह हैं और इसमें मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (DGP) व मुख्यमंत्री अपर मुख्य सचिव के साथ नगर विकास विभा सचिव शामिल हैं।

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