पुरातत्वविद हुए हैरान, पहले से जादू को मानते हैं लोग, मुर्दे को जलाने के बाद हड्डियां दफनाई
अंकारा। तुर्की के एक पुरातात्विक स्थल पर अनोखी खोज हुई है। इस खोज से पता चलता है कि इंसानों के पूर्वज जादू में बहुत पहले से मानते रहे हैं। एक नए अध्ययन से पता चला है (Archaeologists surprised) कि रोमन काल में लोगों को इस बात कर डर रहता था कि कहीं मरे हुए लोग फिर से जिंदा न हो जाएं। दक्षिण-पश्चिमी तुर्की में सगलासोस के एक श्मशान मकबरे की खोज की गई है। ये 100-150 ईस्वी पुराना है। मकबरे से 41 मुड़ी हुई कीलें, 24 ईंटें और मकबरे को सील करने के लिए चूने के प्लास्टर की एक परत मिली है। एक वयस्क पुरुष के अवशेष को उसी जगह पर दफनाया गया था, जो रोमन युग में एक असामान्य प्रथा थी।
मुड़ी हुई कीलें भी मिलीं
शोधकर्ताओं ने कहा कि उन्हें श्मशान स्थल पर शवों को जलाने वाली जगह पर मुड़ी हुई कील मिली हैं। जिस पुरुष के अवशेष मिले हैं उसे यहीं जलाया गया था और फिर पास में ही दफनाया गया। इस तरह की प्रथा रोमन काल में सामान्य नहीं थी। लेखक जोहान क्लेयस ने कहा, ‘इसके अवशेषों को एक नहीं बल्कि तीन अलग-अलग तरीकों से दफनाया गया था। उस समय लोगों को इस बात का डर रहता हो कि कहीं मरे हुए लोग जिंदा न हो जाएं।’
कैसे होता था अंतिम संस्कार
यह पुरातात्विक स्थल अपने अंदर रोमन युग से जुड़े उदाहरणों को समेटे हुए है। रोमन युग में अंतिम संस्कार की बात करें तो जो उदाहरण पहले मिलते रहे हैं उनके मुताबिक शवों को जला उसकी राख (Archaeologists surprised) और हड्डियों को कलश में भर कर दफन किया जाता था। कब्र से एक बुनी हुई टोकरी, भोजन के अवशेष, एक सिक्का, चीनी मिट्टी और कांच के बर्तन भी मिले। कब्रों में जो कीलें मिली हैं, इनका इस्तेमाल क्यों हुआ, इसकी जानकारी नहीं है। ये कीलें कब्र की बाकी चीजों का हिस्सा नहीं है।
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