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MP में भी महिला से पुरुष बने युवक की अनोखी लव स्टोरी, बहन की सहेली को बनाया पत्नी…

02:43 PM Dec 08, 2023 IST | Sanjay Raiswal
mp में भी महिला से पुरुष बने युवक की अनोखी लव स्टोरी  बहन की सहेली को बनाया पत्नी…

इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में हैरान कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक महिला ने पुरुष बनकर एक युवक ने युवती से शादी की है। हाल ही में पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर विवाह को कानूनी मान्यता दी गई थी। इसके बाद इंदौर में गुरुवार को महिला से पुरुष बने युवक ने स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत युवती से शादी की। यह शादी अलका से अस्तित्व बने युवक और युवती आस्था के बीच हुई है।

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कोर्ट मैरिज में दोनों परिवारों की ओर से 25 लोग शामिल हुए। बीते साल अलका ने अपने 47वें जन्मदिन पर सर्जरी करवाकर अपना जेंडर स्त्री से पुरुष करवा लिया था। इसके बाद उसने अपना नाम बदलकर अस्तित्व कर लिया।

बहन की सहेली से की शादी…

अलका से अस्तित्व बने युवक ने आस्था से शादी की है, जो उसकी बहन की सहेली है। आस्था को शुरू से ही इस बदलाव की जानकारी थी। उसे अलका के अस्तित्व बनने की पूरी प्रक्रिया के बारे में बताया गया था। आस्था का कहना था कि हमने बहुत विचार करने के बाद शादी करने का निर्णय लिया। दोनों परिवारों को भी इसमें कोई समस्या नहीं थी। इसके बाद दोनों ने अपर कलेक्टर रोशन राय को अपनी स्थिति समझाते हुए विवाह का आवेदन दिया।

राजस्थान में भी सामने आया था ऐसा ही मामला…

बता दें कि एक साल पहले 4 दिसंबर 2022 को राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग में राजकीय माध्यमिक विद्यालय नगला मोती में शारीरिक शिक्षक मीरा कुंतल ने लड़का बन अपने स्टूडेंट कल्पना के साथ शादी कर ली थी। मीरा कुंतल के जेंडर चेंज कराने के बाद अब लोग उन्हें मीरा नहीं, बल्कि आरव कुंतल के नाम से ही पुकारते हैं। मीरा पैदा तो लड़की के रूप में हुई थी, लेकिन उसके हाव-भाव लड़कों जैसे थे। उसका पहनावा भी लड़कों जैसा ही था। मीरा ने भी अपनी पहचान बदलने का निश्चय किया और अपना जेंडर चेंज करवाया। मीरा से आरव बनी और कल्पना की शादी से दोनों के परिजन काफी खुश हैं।

क्या है स्पेशल मैरिज एक्ट…

स्पेशल मैरिज एक्ट सभी धर्मों पर लागू होता है। इस कानून के तहत शादी रजिस्टर करवाने के लिए धर्म बदलने की जरूरत नहीं है, फिर चाहे वो हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध या किसी भी धर्म का हो। इस कानून के जरिए भारत के हर नागरिक को ये संवैधानिक अधिकार दिया गया है कि वो जिस धर्म या जाति में चाहे, वहां शादी कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ट्रांसजेंडर की शादियों का मामला विषमलैंगिक संबंध की प्रकृति का है और इसे भी कानूनी मान्यता दी जानी चाहिए।

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