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व्यापारिक जहाजों पर हमले के बाद नौसेना ने बढ़ाई निगरानी, EEZ में डिस्ट्रॉयर और फ्रिगेट किए तैनात

लाल सागर और अरब सागर में हाल ही में कई व्यापारिक जहाजों पर हुए हमलों के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने निगरानी बढ़ा दी है।
09:46 AM Jan 01, 2024 IST | Anil Prajapat

नई दिल्ली। लाल सागर और अरब सागर में हाल ही में कई व्यापारिक जहाजों पर हुए हमलों के मद्देनजर भारतीय नौसेना ने निगरानी बढ़ा दी है। खासकर विशेष आर्थिक ( ईईजेड) इलाके में विशेष तौर पर निगरानी की जा रही है। इसके तहत नौसेना ने रविवार को ‘डिस्ट्रॉयर’ और ‘फ्रिगेट्स’ युक्त वर्क फोर्स को तैनात किया है। वर्क फोर्स को समुद्री सुरक्षा अभियान चलाने और किसी भी घटना की स्थिति में व्यापािरक जहाजों को सुरक्षा मुहैया करा सकेंगे। 

नौसेना ने कहा है कि हाल ही में लाल सागर, अदन की खाड़ी और सेंट्रल और उत्तरी अरब सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमलों की कई घटनाएं हुई हैं। ऐसे में इस अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रूट की सुरक्षा और निगरानी के लिए नौसेना ने कई कदम उठाए हैं। नौसेना ने बताया ‘डेस्ट्रॉयर और फ्रिगेट्स से लैस टास्क ग्रुप किसी भी जहाज पर हमले की स्थिति में ये तुरंत सक्रिय हो जाएंगे। साथ ही हवाई निगरानी के लिए लंबी दूरी के समुद्री टोही विमान गश्त कर रहे हैं।

तटरक्षक बल के साथ समन्वय 

नौसेना के मुताबिक भारतीय विशेष आर्थिक क्षेत्र (ईईजेड) की प्रभावी निगरानी के लिए नौसेना तटरक्षक बल के साथ समन्वय कर रही है। राष्ट्रीय समुद्री एजेंसियों के साथ समन्वय में नौसेना हालत की बारीकी से निगरानी कर रही है। सुरक्षाबलों ने कहा, भारतीय नौसेना अरब सागर और ईईजेड क्षेत्र में व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। गौरतलब है कि लाइबेरिया के झंडे वाले मालवाहक जहाज एमवी के म प्लूटो को बीते 23 दिसंबर को निशाना बनाया गया था। इस पर भारतीय चालक दल के 21 सदस्य सवार थे। भारत के पश्चिमी तट पर एमवी के म प्लूटो को ड्रोन से निशाना बनाया गया था।

क्या होता है ईईजेड

ईईजेड समुद्र में एक एक्सक्लूसिव इकॉनोमिक जोन होता है, जो आमतौर पर किसी भी देश की समुद्री सीमा से 230 नॉटिकल मील का इलाका माना जाता है। ईईजेड की समुद्री सीमा के प्रत्येक संसाधन पर उस देश का हक होता है। इस इलाके में घुसपैठ या हमला उस देश की संप्रभुता पर हमला माना जाता है।

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