होमइंडिया
राज्य | राजस्थानमध्यप्रदेशदिल्लीउत्तराखंडउत्तरप्रदेश
मनोरंजनटेक्नोलॉजीस्पोर्ट्स
बिज़नेस | पर्सनल फाइनेंसक्रिप्टोकरेंसीबिज़नेस आईडियाशेयर मार्केट
लाइफस्टाइलहेल्थकरियरवायरलधर्मदुनियाshorts

समुद्र में छिपी दौलत के लिए भिड़ रहे देश, अरबों डॉलर के खजाने पर गड़ी निगाहें

अथाह जल से भरे समुद्र में खरबों डॉलर का खजाना छिपा रखा है। ऐसे ही एक खजाने की खोज कैरेबियाई तट के पास हुई है। साल 1708 में डूबे स्पेन के जहाज पर सोने, चांदी, पन्ना और अन्य बहुमूल्य रत्नों का 20 अरब डॉलर का खजाना हो सकता है।
09:24 AM Feb 28, 2024 IST | BHUP SINGH

सैन जोस। अथाह जल से भरे समुद्र में खरबों डॉलर का खजाना छिपा रखा है। ऐसे ही एक खजाने की खोज कैरेबियाई तट के पास हुई है। साल 1708 में डूबे स्पेन के जहाज पर सोने, चांदी, पन्ना और अन्य बहुमूल्य रत्नों का 20 अरब डॉलर का खजाना हो सकता है। कोलंबिया की सरकार ने इसकी जानकारी दी है। वह अब इस जहाज की जांच के लिए समुद्र के अंदर एक दल भेजने जा रही है। इस जहाज का नाम सैन जोस था।

स्पेन के ऐतिहासिक अभिलेखों से संकेत मिलता है कि सैन जोस जहाज दक्षिण अमेरिका में स्पेनिश उपनिवेशों से धन ले जा रहा था। इसमें पन्ने से भरी 100 से अधिक तिजोरियां हैं। इसके अलावा लाखों सोने और चांदी के सिक्के भी भरे हुए हैं। साल 1698 में लॉन्च किया गया यह जहाज ‘नई दुनिया’ से स्पेन के राजा फिलिप पंचम के दरबार जा रहा था जब वह कार्टाजेना के पास बारू द्वीप के पास एक लड़ाई में डूब गया।

यह खबर भी पढ़ें:-चंद्रयान यान-3 नहीं कर सका वो जापान के ‘स्लीम’ ने करके दिखाया, सूर्य किरणों से हुआ पुनर्जीवित

स्पेन और बोलिविया ने भी किया दावा

इस लड़ाई में जहाज डूब गया और 500 से अधिक चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई। साल 2015 में, वुड् स होल ओशनोग्राफिक इंस्टीट्यूशन ने डूबे हुए गैलियन का पता लगाया। कोलंबिया ने 2024 में जांच अभियान के लिए लगभग 4.5 मिलियन डॉलर का आवंटन किया है। शोधकर्ता जहाज़ के मलबे के आसपास के पानी का पता लगाने के लिए नई उन्नत तकनीक का उपयोग करने की योजना बना रहे हैं, जो लगभग 600 मीटर की गहराई पर स्थित है। खोज के लिए जलमग्न रोबोटिक तकनीक इस्तेमाल करने का इरादा है। इस पर स्पेन और बोलीविया दोनों ने दावा किया है।

विवादित रहा है मालिकाना हक

इस जहाज का मालिकाना हक हमेशा विवाद का विषय रहा है। इस पर स्पेन और बोलीविया दोनों ने दावा किया है। बोलविया ने कहा है कि उपनिवेश काल के दौरान उनके लोगों ने अपनी मेहनत से इन अनमोल धातुओं को निकाला था। हालांकि, कोलंबियाई राष्ट्रपति गुस्तावो पेट्रो का लक्ष्य देश के अपने संसाधनों का उपयोग करके मलबे को फिर से हासिल करना है और यह सुनिश्चित करना है कि यह कोलंबिया में ही रहे। कोलंबिया का यह अभियान जहाज के डूबने से पहले उस पर सवार लोगों के जीवन की गहरी समझ हासिल करना भी चाहता है।

यह खबर भी पढ़ें:-भयावह एटमी धमाका, 25 लाख में नीलाम हुई बंद पड़ी घड़ी

Next Article