Rajasthan Election: 2018 में 23 सीटों पर हार-जीत का मामूली फर्क, एक सीट पर 100 वोटर बिगाड़ सकते हैं खेल
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में चुनावी तैयारी को लेकर दोनों ही पार्टी अपना पूरा दमखम लगा रही है। दोनो पार्टियों का एक ही मकसद है कि कैसे सत्ता में आया जाए। लगातार एक एक सीट का सर्वे करके जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट देने की कोशिश की जा रही है।
लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो 23 सीटें ऐसी हैं जहां वोटों का अंतर 2 फीसदी से भी कम था। इन 13 सीटों पर जीत और हार का फैसला 1 फीसदी से भी कम अंतर से हुआ। अब माना जा रहा है कि किसी भी पार्टी को लेकर थोड़ी भी हवा यहां पर किसी भी पार्टी के लिए सत्ता में वापसी के लिए काफी है।
1 फीसदी से भी कम अंतर हार जीत
200 विधानसभा सीटों में से पिछले विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो 23 सीटें ऐसी थी जहां वोटों का अंतर 2 फीसदी से भी कम था। इन 13 सीटों पर जीत और हार का फैसला 1 फीसदी से भी कम अंतर से हुआ। प्रदेश में थोड़ा भी बदलाव राज्य में सरकार बदले की ताकत रखता है।
आसींद विधानसभा में जीत का अंतर सबसे कम
भीलवाड़ा की आसींद विधानसभा में जीत का अंतर सबसे कम था। यहां बीजेपी के जब्बर सिंह सांखला ने कांग्रेस के मनीष मेवाड़ा को 154 वोटों से हराया। वहीं, पाली जिले की मारवाड़ जंक्शन सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार खुशवीर सिंह ने बीजेपी के केसाराम चौधरी को 251 वोटों से हराया था। इसके अलावा खेतड़ी, फतेहपुर, दातारामगढ़, पोकरण, सिवाना और बूंदी सीटों पर जीत-हार का अंतर 1000 से कम रहा।
मालवीय नगर से कालीचरण को कड़ी टक्कर
जयपुर जिले की मशहूर मालवीय नगर विधानसभा सीट पर बीजेपी के कालीचरण सराफ ने कांग्रेस की अर्चना शर्मा को 1704 वोटों से हराया था। इसके अलावा चूरू, सूरजगढ़, मंडावा, मसूदा, नावां, पचपदरा, रानीवाड़ा, सांगोद, खानपुर विधानसभा सीटों पर भी अंतर 1 से 2% के बीच रहा। इनमें से 6 सीटें बीजेपी और 4 सीटें कांग्रेस के खाते में गईं।
100 वोटर्स समीकरण बदलने के लिए काफी
गौरतलब है कि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 100 सीटें जीती थीं और वह बहुमत के आंकड़े से एक सीट कम थी। ऐसे में अगर इन सीटों पर कुछ 100 वोटर भी पाला बदल लेते तो पूरे राज्य का समीकरण बदल जाता। 2018 में विपक्ष में रही बीजेपी को महज आधा फीसदी कम वोट पाकर 73 सीटें मिली थी।