राजस्थान हाईकोर्ट में एक और जज की नियुक्ति, राष्ट्रपति भवन से जारी हुए नियुक्ति वारंट
Rajasthan High Court News: सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए कि गयी अधिवक्ता कोटे के मनीष शर्मा (sajasthan High Court New Judge Manish Sharma) की सिफारिश केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद आज नियुक्ति वारंट जारी हुए. राष्ट्रपति भवन से नियुक्ति वारंट जारी होने के बाद विधि मंत्रालय ने आज इसकी अधिसूचना जारी कर दी हैं.
सच बेधड़क मीडिया ने 23 जनवरी 2025 को दिए थे संकेत
राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश कि अध्यक्षता में हुए कॉलेजियम ने वर्ष 2020 में अधिवक्ता मनीष शर्मा के नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट को भेजी थी. तत्कालिन चीफ जस्टिस इन्द्रजीत महंति की अध्यक्षता में राजस्थान हाईकोर्ट में जजो की नियुक्ति के लिए 30 और 31 मई 2020 को हुई कॉलेजियम की बैठक में अधिवक्ता कोटे से 12 और जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोटे से 8 नाम की सिफारिश कि गयी थी.
मई 2020 की सिफारिश चार साल बाद मंजूरी
राजस्थान हाईकोर्ट के मई 2020 की सिफारिश पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 1 सितंबर 2021 को पहली बैठक कर एडवोकेट सुधेश बंसल, एडवोकेट अनुप धण्ड और एडवोकेट गणेश मीणा के नाम की सिफारिश केन्द्र को भेज दी. केन्द्र सरकार ने अक्टूबर 2021 को इस सिफारिश में से एडवोकेट सुधेश बंसल और अनुप धण्ड के नाम को मंजूरी दे दी, लेकिन एडवोकेट गणेश मीणा का नाम पेडिंग रखा गया, जिन्हे भी बाद में जज नियुक्त किया गया.
सुप्रीम कोर्ट की सिफारिश
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 6 अक्टूबर 2021 को दूसरी बैठक में एडवोकेट कुलदीप माथुर, मनीष शर्मा, रेखा बोराणा और समीर जैन के नाम की सिफारिश केन्द्र सरकार को भेज दी. केन्द्र सरकार की मंजूरी के बाद राष्ट्रपति ने 28 अक्टूबर 2021 को एडवोकेट रेखा बोराणा और समीर जैन को जज नियुक्त कर दिया. लेकिन मनीष शर्मा और कुलदीप माथुर के नाम को लंबित रखा. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजी गयी सिफारिश के करीब 8 माह बाद अब कुलदीप माथुर के नाम को भी मंजूरी दे दी गयी है. लेकिन अधिवक्ता मनीष शर्मा का नाम फिर भी पेडिंग रहा.
लंबे समय से पेंडिग
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना के सीजेआई बनने के बाद कई ऐसी फाइलों के बारे में सरकार से जानकारी ली गयी, जो लंबे समय से पेडिंग थी.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा सरकार से किए पत्राचार के बाद 6 अक्टूबर 2021 को कि गयी सिफारिश को इस वर्ष जनवरी के दूसरे सप्ताह में विधि मंत्रालय ने इस फाइल को पीएमओं भेजी. पीएमओ से मंजूरी के फरवरी के प्रथम सप्ताह में अधिवक्ता मनीष शर्मा के नाम की फाइल राष्ट्रपति भवन के लिए न्याय मंत्रालय को भेजी गयी.
अधिवक्ता मनीष शर्मा ने जयपुर से एलएलबी के बाद वर्ष 1993 से वकालत के पेशे में है. उन्होने पिछले तीन दशक में सेशन कोर्ट से लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में मामलो में पैरवी की है.
हाल ही में मिले थे तीन जज
गौरतलब है कि 22 दिन पहले ही राजस्थान हाईकोर्ट को न्यायिक कोटे से तीन न्यायाधीश जस्टिस चंद्रशेखर शर्मा, जस्टिस प्रमिल कुमार माथुर और जस्टिस चंद्रप्रकाश श्रीमाली मिले थे । तीनों 1992 बैच के न्यायिक अधिकारी हैं.
इस साल तीन जज होंगे रिटायर
मनीष शर्मा के हाईकोर्ट जज के पद की शपथ लेने के साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट में जजों की संख्या 34 हो जाएगी। लेकिन उसके बाद भी राजस्थान हाईकोर्ट में जजों के कुल स्वीकृत पदों कि संख्या 50 में 16 जज कम रहेंगे. इसके अलावा इस साल 3 जज रिटायर भी हो रहे हैं.