गर्मियों में जयपुर: गुलाबी नगरी का शाही अनुभव
अगर आप सोच रहे हैं कि गर्मियों में जयपुर घूमना ठीक रहेगा या नहीं, तो हम कहेंगे – बिल्कुल ठीक रहेगा, बस थोड़ा समझदारी से प्लान करना ज़रूरी है। हाँ, ये सच है कि मई-जून में तापमान 40-45 डिग्री तक चला जाता है, लेकिन इस शहर का जादू ऐसा है कि गर्मी भी फीकी लगने लगती है।
हर साल आते हैं लाखों सैलानी
हर साल करीब 20 लाख से ज़्यादा पर्यटक जयपुर घूमने आते हैं, गर्मियों में भी! लोग यहाँ की विरासत, स्थापत्य और रॉयल फ़ील लेने के लिए दूर-दूर से पहुँचते हैं। विदेशी सैलानी तो खासतौर पर आमेर किला, हवा महल और सिटी पैलेस में खूब वक़्त बिताते हैं।
सुबह-सुबह का जादू
गर्मियों में ट्रिक बस इतनी है – जल्दी उठो और जल्दी घूमो। आमेर का किला सुबह-सवेरे देखकर मन खुश हो जाता है। और नाहरगढ़ की पहाड़ी से शहर को सूरज की पहली किरणों में देखना – बस कमाल का सीन होता है।
बाजारों की बहार
बापू बाजार, जौहरी बाजार और त्रिपोलिया जैसे मार्केट्स में गर्मी के बावजूद भीड़ कम नहीं होती। यहां मिलती हैं चमचमाती चूड़ियाँ, राजस्थानी छाप की साड़ियाँ, बंधेज के दुपट्टे और मज़ेदार जूतियाँ। ऊपर से मीठी ठंडी लस्सी और मसालेदार कचौरी – पेट भी खुश और दिल भी।
रंग-बिरंगे त्योहार और महोत्सव
गर्मियों में ही होता है हाथी महोत्सव, जहाँ हाथियों को रंग-बिरंगे कपड़ों और गहनों से सजाकर परेड कराई जाती है। इसके अलावा, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल तो पूरी दुनिया में मशहूर है। वहाँ लेखक, कवि और कलाकार अपने दिल की बातें किताबों के ज़रिये सुनाते हैं।
कुछ काम की बातें
गर्मी है, तो साथ रखें – पानी की बोतल, सनस्क्रीन, टोपी और हल्के सूती कपड़े। दोपहर में धूप से बचें और किसी कैफे या हवेलीनुमा होटल में थोड़ा आराम करें। शाम होते ही फिर से निकल पड़ें, क्योंकि तब हवा में भी थोड़ी ठंडक घुल जाती है।
आख़िरी बात –
जयपुर सिर्फ एक शहर नहीं, एक एहसास है। गर्मी में भी यहाँ की रौनक कम नहीं होती। अगर आप इतिहास, कला, खरीदारी और खाने-पीने के शौकीन हैं, तो गर्मी भी आपको नहीं रोक सकती। बस सही समय और तरीका अपनाइए – और जयपुर की इस शाही दुनिया में खो जाइए।