एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रक्रिया है योग, मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिला इसका इतिहास
हमारे जीवन में योग (Yoga) का बहुत महत्व है। मन को शांत करने से लेकर शरीर को स्वस्थ रखने तक योग बहुत उपयोगी है। योग की उत्पत्ति प्राचीन काल से मानी जाती है, जबकि पहले योगी के तौर पर भगवान शिव का नाम सबसे पहले लिया जाता है। यह एक प्रकार की आध्यात्मिक प्रक्रिया है। योग करने से तन-मन दोनों सुखी होते हैं। इसमें कई प्रकार के आसन होते हैं।
इससे शरीर का मोटापा कम होता है, तनाव दूर होता है और शरीर रोगों से मुक्त होता है। योग शरीर, मन और आत्मा को एक साथ लाने का काम करता है। योग की उत्पत्ति भारत से मानी जाती है। इसके बाद धीर-धीरे यह चीन, तिब्बत, जापान और श्री लंका में फैल गया। इसकी महत्ता व इसके फायदे को जानने के बाद विश्वभर के लोगों ने योग को अपनाया। वर्तमान में यह हमारे जीवन का महत्वपूर्ण अंग बन चुका है।
इतिहास
ऐसा माना जाता है ब्रह्माण्ड में योग की उत्पत्ति मानव (History Of Yoga) जीवन के पहले से हुई है। योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के युज धातु से हुई है। इसके दो अर्थ प्राप्त होते हैं। एक जोड़ना तथा दूसरा अनुशासन। वेदों में भी योग का उल्लेख मिलता है। मोहनजोदड़ो की खुदाई में ऐसी मुहरें प्राप्त हुई है जिनमें योग की मुद्राएं है। इनसे यह पता चलता है कि उस समय भी योग का प्रचलन था। कई मूर्तियां सामान्य योग या समाधि की मुद्रा को प्रदर्शित करती है।
(Also Read- भारत में 1300 वर्ष पहले हुई थी लालटेन की खोज, आखिर क्या है इसके हरे रंग का कारण)
सिंधु घाटी सभ्यता की खुदाई में 3300 से 1700 बी.सी.इ. की मुर्तियां प्राप्त हुई है। पुरातत्त्वज्ञ ग्रेगरी पोस्सेह्ल की मानें तो यह मूर्तियां योग के धार्मिक संस्कार के योग से सम्बन्ध को दर्शाती है। मोहनजोदड़ो व हड़प्पा से प्राप्त मुहर में योगमुद्रा का ज्ञान हुआ है। योग के बारे में कहा जा सकता है कि इसके शास्त्रीय स्वरूप, दार्शनिक आधार को पूरी तरह से समझना बहुत सरल नहीं है। योग अपनेआप में एक गहरा विषय है।
योग के प्रकार
शिवसंहिता तथा गोरक्षशतक में भी योग का उल्लेख मिलता है। इसका पूरा वर्णन इस श्लोक में मिलता है- मंत्रयोगों हष्ष्चैव लययोगस्तृतीयकः। चतुर्थो राजयोगः मंत्रो लयो हठो, राजयोगन्तर्भूमिका क्रमात् एक एव चतुर्धाऽयं महायोगोभियते॥ इस श्लोक के अनुसार योग के चार प्रकार हैं- मंत्रयोग, हठयोग लययोग व राजयोग।
सर्वप्रथम योग शब्द का उल्लेख ऋग्वेद में मिला। इसके बाद कई उपनिषदों में इसका उल्लेख किया गया। आधुनिक समय में योग का जिस प्रकार का अर्थ मिलता है, वह कठोपनिषद से लिया गया है। इसके इतिहास की बात करें तो कठोपनिषद की रचना पांचवीं और तीसरी शताब्दी ईसापूर्व के बीच की मानी जाती है।
योग दिवस
प्रतिवर्ष 21 जून को पूरे विश्व में योग दिवस मनाया जाता है, जिसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में जाना जाता है। योग के पूरे विश्व में फैल जाने के बाद पहली बार 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने योग दिवस की घोषणा की। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
(Also Read- डाक की भाषा में क्या होता है ‘फिलेटली’, जानिए कब जारी हुआ था पहला डाक टिकिट)