'कितनी घूस लेनी है...पत्नी से पूछ तय करता था इंजीनियर, ACB ने ऐसे घूसखोर PWD अधिकारियों को दबोचा
जयपुर। राजधानी जयपुर में तीन दिन पहले एसीबी के हत्थे चढ़े पीडब्ल्यूडी के 3 अधिकारियों को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एसीबी की जांच में तीनों घूसखोर आरोपियों को लेकर नए तथ्य सामने आए हैं। पिछले दो महीन कड़ी मेहनत के बाद एसीबी की टीम ने तीनों अधिकारियों को ट्रैप किया था। मुखबिर की सूचना पर जयपुर एसीबी ने चीफ इंजीनियर के आवास पर तीनों अधिकारियों को 10 लाख रुपए रिश्वत राशि लेते-देते गिरफ्तार किया था।
एसीबी में दर्ज एफआईआर के बाद तीनों अधिकारियों को लेकर अब कई महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई है। तीनों अधिकारियों के बीच किस तरह से पैसों को लेकर बातचीत हुई। दरअसल, एसीबी की जांच में सामने आया है कि तीनों अधिकारियों के साथ-साथ पीडब्ल्यूडी के कई ठेकेदार और अधिकारियों के नंबर सर्विलांस पर थे। जिसके बाद एसीबी ने कई घंटों तक अधिकारियों और ठेकेदारों की बातचीत सुनी। एसीबी को इनकी बातचीत सुनने के दौरान पता चला कि पैसे का अब लेनदेन होने वाला है।
वहीं, पीडब्ल्यूडी डूंगरपुर एक्सईएन जितेंद्र कुमार जैन पत्नी से रिश्वत की राशि पर बातचीत करते थे। पत्नी से पूछकर ही रुपए तय करते थे। जिसके बाद रिश्वत की रकम ली जाती थी। एसीबी ने ट्रैप की पूरी कार्रवाई की जांच इतनी गोपनीय रखी थी की एसीबी मुख्यालय के कुछ ही अधिकारियों और तकनीकी कर्मचारियों के अलावा किसी को भी इसके बारे में जानकारी नहीं थी।
एसीबी को मुखबिर से जुलाई महीने में सूचना मिली थी कि एक्सईएन जितेंद्र कुमार जैन ने मिली भगत कर टेंडरों गड़बड़ी की है। ठेकेदारों को ज्यादा रेट पर ऑर्डर दिलवाने और निर्माण कार्य में घटिया क्वालिटी की सामग्री सप्लाई करने पर उच्च अधिकारियों को रिश्वत दी जा रही है।
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एसीबी ने इस सूचना को सत्यापन करने के लिए 8 जुलाई से एसीबी ने एक्सईएन जितेंद्र कुमार जैन का मोबाइल सर्विलांस पर लिया। इस दौरान एसीबी को पता चला कि जितेंद्र कुमार जैन अपनी पत्नी, एईएन अनंत गुप्ता और पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर बिल्डिंग सुबोध से रिश्वत को लेकर बात कर रहा था। इस पर एसीबी एक्टिव हुई। एसीबी को जो जानकारी मिली उन्होंने काम करना शुरू किया।
तीनों मिल बांट कर लेते थे रिश्वत…
एसीबी की जांच में सामने आया कि आरोपी एक्सईएन जितेंद्र जैन ज्यादा कीमत पर बिलों के भुगतान की जांच खुद के पक्ष में करवाने के लिए एईएन अनंत गुप्ता के साथ मिलीभगत कर चीफ इंजीनियर सुबोध मलिक को रिश्वत देता था। इस प्रकार तीनों अधिकारी मिलकर सरकारी योजनाओं में घटिया क्वालिटी की सामग्री पास करते थे। तीनों अधिकारियों के कारण ही ठेकेदार घटिया माल से सरकारी निर्माण करता था।
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तीनों अधिकारियों को 10 लाख रुपए लेते-देते दबोचा
बता दें कि 6 सितंबर को जयपुर एसीबी टीम ने लोक निर्माण विभाग में कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है। जयपुर एसीबी टीम ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के चीफ इंजीनियर सुबोध कुमार मलिक, एक्सईएन जितेंद्र जैन, सहायक अभियंता अनंत कुमार को 10 लाख रुपए की रिश्वत लेते-देते ट्रैप किया है।