बच्चों को फिजिकल रूप से मजबूत होना अनिवार्य, मानसिक बीमार होने के कारण आत्महत्या करते हैं विद्यार्थी
कोटा। कोचिंग हब एवं एजुकेशन सिटी कोटा में हर वर्ष बाहर से आ रहे लाखों विद्यार्थियों में से कुछ विद्यार्थियों द्वारा की जा रही आत्महत्या को लेकर प्रसिद्ध एवं विख्यात लेखक चेतन भगत का कहना है कि यह आत्महत्याएं विद्यार्थियों के मानसिक रूप से बीमार होने के कारण की जाती है। शुक्रवार को यूआईटी ऑडिटोरियम में आकाश में विद्यार्थियों को मोटिवेट करने आए लेखक चेतन भगत ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति किसी ने किसी बीमारी से अवश्य पीड़ित होता है और ऐसी ही एक बीमारी मानसिक रोग है। जिसकी चपेट में आकर यहां के विद्यार्थी आत्महत्या करने जैसा कदम उठा लेते हैं।
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उन्होंने माना कि विद्यार्थी के ऊपर पढ़ाई का प्रेशर बहुत ज्यादा है परंतु एक दो बार असफल होने से जिंदगी खत्म नहीं होती और भी कई सारे रास्ते और गोल जीवन में है जिन्हें अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बीमारी से बचने के लिए बच्चों को फिजिकल रूप से मजबूत होना अनिवार्य है उसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ फिजिकल एक्सरसाइज, पुश अप, रनिंग प्रत्येक विद्यार्थी को करनी चाहिए जिससे वे मजबूत बने। इस दौरान उन्होंने विद्यािर्थयों से विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
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पढ़ाई के लिए दबाव बनाना गलत
भगत ने कहा कि विद्यार्थियों पर माता पिता के द्वारा भी पढ़ाई के लिए बहुत अधिक दबाव डाला जाता है जो गलत है उनको अपनी इस प्रवृत्ति से बचना होगा और बच्चों को फ्रीडम देनी होगी। उन्होंने कहा कि बहुत दुख की बात है बच्चे इतना बड़ा कदम उठा लेते हैं उनको निराश से बचने के लिए हार्ड मेहनत करनी चाहिए फिर भी अगर ऐसी स्थिति आए तो अपने माता- पिता गुरुजनों दोस्तों जहां आप रह रहे हो सभी से बातचीत करे।
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चेतन भगत ने कहा कि डॉक्टर बनना या आईआईटियन बनना जिंदगी का मकसद नहीं होना चाहिए यह ठीक है कि यह अपना गोल है कि हमें डॉक्टर बनना है या इंजीनियर बनना है।लेकिन यहां भी असफलता मिलती है तब भी बहुत सारा ऐसे रास्ते हैं जिन्हें अपनाकर अपना जीवन संवार सकते हैं।