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दुनिया का एकमात्र ओम् आकार के शिव मंदिर का उद्घाटन आज, 25 हजार लोगों को किया आमंत्रण

11:58 AM Feb 19, 2024 IST | Sanjay Raiswal

पाली। अयोध्या में राम मंदिर के बाद देश के एक और भव्य मंदिर की आज प्राण प्रतिष्ठा है। दुनिया के एकमात्र ओम् आकार वाले शिव मंदिर का आज उद्घाटन होने जा रहा है। ओम् आकार में बना दुनिया के एक मात्र शिव मंदिर का निर्माण पाली के जाडन स्थित ओम् आश्रम में किया गया है। इस मंदिर को 500 बिगा परिसर में बनाया गया है। मंदिर इतना भव्य कि इसे बनने में 28 साल लग गए। ओम् आकार वाले इस मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा भी शामिल होंगे। इस दौरान वे एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।

इस समारोह में देश भर से साधु-संत, अनुयायी व श्रद्धालु कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में 25 हजार लोगों को आमंत्रित किया गया है, जिनके लिए भोजन की भी व्यवस्था की गई है। वहीं प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए विदेशों से 2200 मेहमान आए हुए हैं। उनके रहने के लिए आश्रम परिसर में अस्थायी कॉटेज बनाकर सभी व्यवस्थाएं की गई हैं।

आज देव पूजन, ध्वज दंड

प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के तहत सुबह 9 बजे से ओम् आश्रम में देव पूजन, ध्वज दंड, शिखर और मूर्ति प्रतिष्ठा स्थापित करने, हवन, पूर्णाहुति, महाआरती व प्रसादी कार्यक्रम शुरू हो गए। दोपहर 12.30 बजे से 1.30 बजे तक अभिजित मुहूर्त में बांसवाड़ा जिले के राजपुरोहित त्रिपुरा सुंदरी मंदिर के उपासक निकुंजमोहन पंड्या और सह आचार्य पंडित कपिल त्रिवेदी मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम सम्पन्न करवाएंगे।

चार खंडों में विभाजित है ओम आकृति का शिव मंदिर

दुनिया में ओम् आकार का यह एक मात्र शिव मंदिर है, जिसे बनाने में 28 साल का समय लगा है। 250 एकड़ के आश्रम में मंदिर बीचों बीच बना है। मंदिर के बीच में विश्वदीप गुरुकुल के संस्थापक स्वामी माधवानंद की समाधि है। ओम आकृति वाला यह शिव मंदिर चार खंडों में विभाजित है। एक पूरा खंड भूगर्भ में बना हुआ है जबकि तीन खंड जमीन के ऊपर हैं। भूगर्भ में समाधि के चारों तरफ सप्त ऋषियों की मूर्तियां हैं। सबसे ऊपर के भाग में ज्योतिर्लिंग है। चार मंजिला इमारत में स्कूल-कॉलेज होंगे, इसका निर्माण विश्वदीप गुरुकुल ट्रस्ट ने कराया है।

शिखर पर ब्रह्मांड की आकृति

राजस्थान के इस ओम आश्रम में भगवान शिव की 1008 अलग-अलग प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। मंदिर परिसर में कुल 108 कक्ष हैं। इसका शिखर 135 फीट ऊंचा है। सबसे बीच में गुरु महाराज स्वामी माधवानंद की समाधि है। सबसे ऊपर वाले भाग में महादेव का शिवलिंग स्थापित है। शिवलिंग के ऊपर ब्रह्मांड की आकृति बनाई गई है।

10 फरवरी से शुरू हुए प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

दुनिया में ओम् आकार एक मात्र शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 10 फरवरी से शुरू हो गया था। इस दौरान शिव महापुराण कथा का आयोजन 10 से 18 फरवरी तक किया गया। संत चिदम्बरानंद सरस्वती ने कथा वाचन किया। कथा के दौरान भक्तों के लिए भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई। कथा के दौरान रोजाना 5 हजार भक्तों का भोजन बना।

शिव मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 10 फरवरी को हेमादी श्रवण प्रायश्चित हवन, दशविध स्नान, मण्डप रचना शुद्धिकरण से शुरू हुए। 11 फरवरी को गणेश पूजन, स्वस्ति पुण्याहवाचन, मंडप प्रवेश, वर्णार्चन-मंडपादी, आवाहित स्थापित देवता पूजन हुआ। 12 फरवरी को शिव महापूजन, सहस्त्रार्चन, पंच वक्र पूजन स्थापित देवता पूजन, मंडप देवता पूजन किया गया। इसके बाद 13 फरवरी को अग्नि स्थापन गणेश महापूजन, सहस्त्र मोदकार्पण, ग्रह होम श्री ललिता सहस्त्रार्चन, श्री ललिता सहस्त्र होम किया गया। 14 फरवरी वसंत पंचमी को महारुद्र प्रारम्भ किया गया, मां सरस्वती की पूजन शोभा यात्रा निकाली गई और गंगा कलश यात्रा की गई। 15 फरवरी को कुटीर होम, प्रासाद वास्तु, शिखर एवं मूर्ति संस्कार महारुद्र हवन और पार्थिश्वर शिव महापूजा की गई।

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