केंद्र दे 250 करोड़ तो पूरा ‘स्मार्ट’ बने ‘पिंकसिटी’, क्या 8 प्रोजेक्ट के लिए करना होगा इंतजार ?
(नरेंद्र चतुर्वेदी) : जयपुर। जयपुर शहर को स्मार्ट बनाने का काम पैसा खत्म होने की वजह से अटक गया है। केन्द्र सरकार से 250 करोड़ नहीं आने की वजह से जनता के लिए उपयोगी आठ बड़े प्रोजेक्ट में काम रुक गया है। हालांकि, स्मार्ट सिटी के अधिकारियों का दावा है कि जो पैसा अभी विभाग के पास है, उससे भी कई प्रोजक्ट को पूरा किया जा रहा है, लेकिन बाकी आठ प्रोजेक्ट पैसा आने के बाद ही पूरा किया जाएगा। वहीं, राज्य सरकार भी पैसे देने के मामले में पीछे खिसक गई है, ऐसे में अब स्मार्ट सिटी के अधिकारियों की आस केन्द्र सरकार से ही है।
साल 2015 में केन्द्र सरकार ने अपने एतिहासिक वैभव के लिए सारी दनुिया में प्रसिद्ध गुलाबी नगरी को भी स्मार्ट बनाने के लिए 20 शहरों में प्राथमिकता से स्थान दिया। उस समय प्रदेश में भाजपा सरकार थी। इसलिए के न्द्र और राज्य सरकार के बीच तालमेल सही बैठ गया था। 2018 में सरकार के बदलते ही गहलोत सरकार ने स्मार्ट सिटी बनाने के प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले लिए। हालांकि, शुरुआत में तो स्मार्ट सिटी से जुड़े अधिकारियों के प्रयास से प्रोजेक्टों पर काम सही चलता रहा, लेकिन मध्य में स्मार्ट सिटी में ठे के दारों की लापरवाही से कई बड़े प्रोजेक्ट नियत समय पर पूरे नहीं हो पाएं ।
इसके बारे में जयपुर सांसद रामचरण बोहरा ने कई बार मीटिंग में सरकार पर स्मार्ट सिटी का पैसा बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए अधिकारियों पर ठीक से काम नहीं करने का आरोप लगाया था। अब पैसा नहीं आने के कारण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की अवधि पूरी होने के बाद इन प्रोजेक्ट का भविष्य अधर में झूल गया है। एक हजार के प्रोजेक्ट को लेकर शुरू हुआ मिशन स्मार्ट सिटी में वर्तमान में करीब 250 करोड़ के प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हुए हैं।
पौंडरीक पार्क में पार्किंग पर विवाद
राजनीतिक दबाव के चलते स्मार्ट सिटी ने भूमिगत पार्किंग का काम शुरू किया। क्षेत्रवासियों ने विरोध किया, बाद में मामला कोर्ट तक पहुंचा। फिलहाल पार्किं ग का काम बंद है। कोर्ट के आदेश से पहले पार्क में कई पेड़ काटे जा चुके थे।
स्मार्ट सिटी के 133 प्रोजक्ट में से 100 तैयार
स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत योजनाओं का पूरा करने की अवधि जून महीने तक ही थी। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार वर्तमान में 133 प्रोजेक्ट में से 100 प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं, शेष 33 में से 20 के करीब प्रोजेक्ट जुलाई अंत तक पूरे होन के आसार है। इन अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए समय सीमा जून-2024 तक तो कर दी गई है, लेकिन बारिश के महीने में और के न्द्र सरकार की ओर से पैसा नहीं आने से प्रोजेक्ट पूरे तय समय में हो जाएं गे। इसे लेकर संशय ही बना हुआ है। चुनावी साल होने से सरकार भी चाहती है कि आचार संहिता लगने से पहले कई बड़े प्रोजेक्ट पूरे हो जाएं , जिससे कि यह प्रोजेक्ट आमजन को समर्पित कर दिए जाएं और चुनावों में इसका फायदा सत्ता पक्ष को मिले।
बने हुए प्रोजेक्ट का नहीं मिल रहा फायदा
जयपुर स्मार्ट सिटी मिशन के कामकाज के पीछे भले ही एक बेहतर सोच रही हो, लेकिन अभी तक हुए काम काज ने जनता को कोई बहुत सहुलियत नहीं दी है। करोड़ों खर्च करने के बाद भी परकोटे के बाजार आज भी अतिक्रमण की भेंट चढ़े हुए हैं। शहर का ड्रेनेज सिस्टम भी दुरुस्त नहीं हो सका है। फसाड के काम की क्वालिटी भी खराब दिखाई देने लगी है। स्मार्ट टॉयलेट खराब हैं तो पौंडरीक पार्क पार्किंग का काम आगे नहीं बढा है। अब इन कार्यो को लेकर प्रशासन के सामने चुनौती खड़ी दिखाई देती है।
दोबारा रिव्यू किए जाने की जरूरत
बहरहाल, जयपुर शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के मकसद से शुरू हु ए इस मिशन में अब तक बेहद सुस्त रफ्तार रही है। योजना के तहत होने वाले कार्यों को लेकर विशेषज्ञों से भी राय नहीं ली गई, जबकि विरासत प्रभाव आंकलन से कई हेरिटेज विरासतों के निर्माण में सही राय मिलने पर उनका दुबारा निर्माण सहीं तरीके से होता। इसी के साथ ही जिन योजनाओं में क्वालिटी को लेकर शिकायतें भी रही हैं, उनका भी दोबारा रिव्यू किए जाने की जरूरत है।
8 प्रोजेक्ट के लिए करना होगा इंतजार
1 रामनिवास अंडरग्राउंड पार्किंग प्रोजेक्ट-83.85 करोड़ रुपए (दिसंबर-2023 डेडलाइन)
2 पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल गणगौरी बाजार का काम 44.61 करोड़ रुपए
3 अभय कमांड सेंटर एंड कंट्रोल सेंटर के अपग्रेडेशन का काम-35 करोड़ रुपए
4 निगम हेरिटेज में दो सोलिड वेस्ट ट्रांसफर स्टेशन का काम 100 MT -13.14 करोड़ रुपए
5 काले हनुमानजी मंदिर से कंवर नगर सामुदायिक केंद्र तक ड्रेनेज का काम- 2.07 करोड़ रुपए
6 लांगड़ियावास में मेटेरियल रिकवरी फेसिलिटी का प्लांट-10 करोड़ रुपए लागत
7 किशनपोल बाजार में गर्वेमेंट गर्ल्स कॉलेज का काम- 8.46 करोड़ रुपए
8 गुलाबी नगरी के फेमस पर्यटक स्थल जलमहल की पाल पर साइकिल ट्रैक का काम- 53 लाख रुपए
इनका कहना है…
जयपुर स्मार्ट सिटी सीइओ राजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि वैसे तो ज्यादातर प्रोजेक्ट पूरे हो चले हैं, लेकिन कु छ अंशदान राज्य और केन्द्र सरकार के साथ नगर निगमों का भी आना बाकी है। इनमें जयपुर के निगमों का 20 करोड़ रुपए अंशदान का बकाया चल रहा है। इस स्वीकृति के साथ आगे काम बढ़ाया जाएगा। वहीं, जयपुर सांसद राम चरण बोहरा का कहना है कि राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर मनमानी कर रही है। किसी भी अधिकारी को लगातार टिकने नहीं दे रही है। पहले के कामों का रिव्यू कराया नहीं। ये पहले काम पूरा करें, केन्द्र का पैसा मैं लेकर आऊंगा।
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