RAS Exam: आखिर आरपीएससी क्यों नहीं करवा पा रहा हर साल राजस्थान प्रशासनिक सेवा की भर्ती परीक्षा
श्रवण भाटी। जयपुर। प्रदेश की प्रशासनिक सेवाओं में निर्बाध और नियमित भर्ती में विफल आरपीएससी की साख धूमिल होने के साथ ही युवाओं की आस भी टूट रही है। वजह है, राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) द्वारा बीते 11 साल में सिर्फ 4 बार आरएएस भर्ती परीक्षा को सिरे तक पहुंचाना। बता दें, 2021 में पांचवीं परीक्षा हुई, परिणाम आया, लेकिन साक्षात्कार अब तक लटके हैं। इस आलोक में देखें तो साफ नजर आएगा कि राजस्थान लोक सेवा आयोग प्रदेश को प्रशासनिक अधिकारी देने की अपनी मूल जिम्मेदारी का भी सही तरह से निर्वहन नहीं कर पा रहा है।
इतना ही नहीं इंटरव्यू के लिए आयोग ने पैनल तक नहीं बनाए हैं। जाहिर है, प्रशासनिक सेवाओं के लिए साल 2021 के बाद वेकेंसी तक नहीं निकली है, जबकि राजस्थान सरकार प्रशासनिक अधिकारियों की कमी से जूझ रही है। समय पर भर्तियां नहीं होने से आरएएस सहित स्टटे सिविल सर्विसेज का कैडर स्ट्रेंथ पूरा नहीं हो पा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में आरएएस के करीब 1080 पद खाली हैं। हाल ही में प्रदेश में 19 नए जिलों के गठन की घोषणा की गई है।
इन जिलों के गठन के बाद प्रदेश में अधिकारियों की जरूरत और बढ़ जाएगी। ऐसे में भर्ती परीक्षा यूपीएससी की तर्ज पर नियमित हो तो युवाओं को रोजगार के साथ प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्थाओं को संभालने के लिए भी पर्याप्त अफसर मिल सकते हैं। इधर, 11 साल में 5 बार परीक्षा का आयोजन हुआ, तो उधर, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सर्विसेज की हर साल न सिर्फ भर्ती निकाल रहा है वरन् 11 बार परीक्षा का सफल आयोजन कर देश को प्रशासनिक अधिकारी दे चुका है।
3 साल में केवल एक भर्ती
आरएएस भर्ती परीक्षा को हर वर्ष आयोजित नहीं कर पाना आरपीएससी की पहचान-सी बन चुकी है। इसे लापरवाही कहें या लालफीताशाही कि हर भर्ती करीब 3 साल में पूरी हो पा रही है। भर्ती परीक्षाओं के दौरान सरकार के साथ आरपीएससी के अध्यक्ष भी बदले हैं। वहीं भर्ती संबंधित कु छ विवाद कभी हाई कोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचे हैं।
विवादों में रही 2018 भर्ती
11 अप्रैल 2018 को 1017 पदों पर निकली गई भर्ती प्रक्रिया 3 साल तक पूरी नहीं हो पाई। 5 अगस्त 2018 को प्री परीक्षा में 15,615 अभ्यर्थी सफल रहे, लेकिन कट ऑफ की वजह से परीक्षा स्थगित हो गई। मुख्य परीक्षा जून 2019 में हुई और जुलाई 2020 में रिजल्ट जारी हुआ, लेकिन ओबीसी और जनरल की कटऑफ के विवाद के चलते हाइकोर्ट ने रिजल्ट पर रोक लगा दी थीं। सरकार ने संशोधन की वजह से 34 पदों की बढ़ोतरी के साथ 1051 पद किए गए। उसके बाद अंतिम रूप से 13 जुलाई को रिजल्ट जारी किया गया। 2018 भर्ती में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर समधी के बेटे और बेटी को परीक्षा में अच्छे नंबर दिलाने का आरोप लगा था।
आरएएस कैडर स्ट्रेंथ में 158 पद खाली
19 जिलों के नव सृजन से बढ़ेंगे पद
प्रदेश में वर्तमान में 889 आरएएस कार्यरत हैं, जबकि 1600 की
जरूरत है। वहीं, 2021 के अनुसार आरएएस की 1050 कै डर
स्ट्थ है। इसके मुताब रें िक अभी 158 आरएएस के पद खाली हैं। वहीं
2022 में 23 पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरा गया था।
UPSC भर्ती
वर्ष पद
2012 1037
2013 1122
2014 1364
2015 1164
2016 1079
2017 980
2018 782
2019 896
2020 796
2021 712
2022 1101
RPSC भर्ती
वर्ष पद
2012 1106
2013 990
2016 725
2018 1051
2021 988
यूपीएससी ने वर्ष 2012 के बाद कराई 11 बार परीक्षा
संघ लोक सेवा आयोग हर वर्ष परीक्षा करवा रहा है। आयोग ने 2022 में 1101 पदों पर , 2021 में 712, 2020 में 796, 2019 में 896, 2018 में 782, 2017 में 980, 2016 में 1079, 2015 में 1164, 2014 में 1364, 2013 में 1122 व 2012 में 1037 पदों पर भर्तियां गई थी। शिक्षाविदों का मानना हैं कि आरपीएससी को यूपीएससी के तर्ज पर हर कैलेंडर वर्ष में भर्ती परीक्षा आयोजित करनी चाहिए। कैलेंडर भर्ती नहीं होने से आरपीएससी की साख गिरती जा रही है।
11 साल में सिर्फ 4860 पदों पर भर्ती
आरपीएससी ने पिछले 11 सालों में 4860 पदों के लिए 5 भर्ती परीक्षाएं आयोजित की हैं। बोर्ड ने 2012 में 1106 पद, साल 2013 में 990 पद, 2016 में 725 पद, 2018 में 1051 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की गई। वहीं, वर्ष 2021 में 988 पदों के लिए परीक्षा का आयोजन तो हुआ, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। सबसे ज्यादा विवादों में रही 2018 भर्ती के 5 साल बाद बुधवार को 35 आरपीएस पासिगं आउट परेड पास कर सेवा में आए हैं।
आरएएस कैडर स्ट्रेंथ में 158 पद खाली, 19 जिलों के नव सृजन से बढ़ेंगे पद
प्रदेश में वर्तमान में 889 आरएएस कार्यरत हैं, जबकि 1600 की जरूरत है। वहीं, 2021 के अनुसार आरएएस की 1050 कैडर स्ट्रेंथ है। इसके मुताबिक अभी 158 आरएएस के पद खाली हैं। वहीं 2022 में 23 पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरा गया था।
RPSC स्वतंत्र बॉडी है। सरकार से समन्वय कर भर्तियों का कैलेंडर तैयार करने का प्रयास हो रहा है। UPSC की तर्ज पर RPSC की भर्तियां भी समय पर हो, इसके लिए सरकार और आयोग को कहा है। इसका परिणाम जल्द ही दिखेगा। इससे युवाओं को समय पर रोजगार और सरकार में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी दूर होगी- सीताराम लाम्बा अध्यक्ष, यूथ बोर्ड राजस्थान
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