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आधुनिक सुविधाओं से लैस…11 हजार लोगों के बैठने की क्षमता, एशिया का सबसे बड़ा सेंटर 'यशोभूमि' क्यों है खास?

राजधानी दिल्ली के द्वारका में एशिया का सबसे बड़े इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) के पहले चरण का काम पूरा हो गया।
02:39 PM Sep 16, 2023 IST | Anil Prajapat
आधुनिक सुविधाओं से लैस…11 हजार लोगों के बैठने की क्षमता  एशिया का सबसे बड़ा सेंटर  यशोभूमि  क्यों है खास

YashoBhoomi : नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के द्वारका में एशिया का सबसे बड़े इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (आईआईसीसी) के पहले चरण का काम पूरा हो गया। इस कन्वेंशन सेंटर को यशोभूमि नाम दिया गया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर यानी रविवार को देश को समर्पित करेंगे।

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इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर के पहले चरण के उद्घाटन के साथ ही पीएम मोदी द्वारका सेक्टर-21 से द्वारका सेक्टर-25 तक दिल्ली एयरपोर्ट मेट्रो एक्सप्रेस लाइन के विस्तार का भी उद्घाटन करेंगे। लेकिन, क्या आपको पता है कि यशोभूमि भारत मंडपम से भी काफी बड़ा है।

यहां बनने वाले ऑडिटोरियम और प्लेनरी हॉल में 6-6 हजार लोगों के बैठने की क्षमता है। इसके अलावा यहां अत्याधुनिक इंडोर पार्किंग भी बनाई गई है। जिसमें एक साथ 28608 वाहन खड़े हो सकेंगे। बता दें कि यशोभूमि को तैयार करने पर कुल लागत 25,703 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

इसका काम दो चरणों में किया जा रहा है। पहले चरण के काम पर 5400 करोड़ रुपए खर्च हुए है और कन्वेंशन सेंटर, दो एग्जीबिशन हॉल और 13 कांफ्रेंस रूम तैयार किए गए हैं। वहीं, दूसरे चरण में तीन एग्जीबिशन कॉम्प्लेक्स, होटल, रिटेल और ऑफिस तैयार होगा।

जानें-क्यों खास है यशोभूमि?

-द्वारका के यशोभूमि में बैठने की क्षमता दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित भरत मंडपम से दोगुनी है यानी जब ये पूरा बनकर तैयार हो जाएगा तो यहां पर एक साथ 11 हजार लोग बैठ सकेंगे।

-यशोभूमि में विश्‍व स्‍तरीय बैठक, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मेजबानी की जा सकेगी और यह दुनिया की सबसे बड़ा सम्‍मेलन और प्रदर्शनी सुविधा स्‍थलों में से एक है।

-73 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में बने कन्वेंशन सेंटर में कुल 15 कन्वेंशन हॉल और 13 मीटिंग हॉल हैं।

-इसके अलावा मुख्य सभागार और भव्य बॉलरूम है। यहां देश की सबसे बड़ी एलईडी मीडिया स्‍क्रीन लगाई गई है। यहां मीडिया रूम, वीवीआईपी लाउंजे, सूचना केन्द्र और टिकटिंग काउंटर भी होगा।

-यहां सस्टेनेबिलिटी पर भी खासा जोर दिया गया है। इसमें स्टेट ऑफ द आर्ट वेस्ट वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट है। इससे 100 फीसदी खऱाब पानी फिर से इस्तेमाल हो पाएगा। यहां रेन वॉटर हारवेस्टिंग का भी सिस्टम कार्यरत रहेगा, इसकी छतों पर सोलर पैनल्स लगे हैं।

-कन्वेंशन सेंटर का ग्रैंड बॉल रुम जिसके छत एक अलग प्रकार के पत्ते के आकार की होगी। इसमें 2500 प्रतिनिधियों के बैठने की सुविधा होगी। 8 फ्लोर वाले इस सेंटर में 13 मीटिंग रुम होंगे।

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