कौन भरेगा दिग्गज कटारिया की जगह ? भाजपा के लिए बड़ी चुनौती
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद संभाल रहे भाजपा के दिग्गज नेता गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल नियुक्त कर दिया गया है। गुलाबचंद कटारिया को एक प्रखर वक्ता के तौर पर भी जाना जाता है। कटारिया के जाने के बाद उनकी जगह को भरना भाजपा के लिए भी एक चुनौती है। कटारिया जिस सूझबूझ से विधानसभा में विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं उसकी दाद सत्ता पक्ष भी देता है। दूसरी तरफ कटारिय़ा के असम जाने से उदयपुर संभाग में एक कद्दावर नेता की तलाश भी भाजपा को करनी होगी।
उदयपुर संभाग का नेता, सदन में नेता प्रतिपक्ष..आखिर कौन?
बता दें कि अभी जगदीश मुखी असम के 30वें राज्यपाल हैं और उन्होंने 10 अक्टूबर 2017 को अपना पद ग्रहण किया था। इस हिसाब से उनका कार्यकाल पूरा हो चुका है। ऐसे में गुलाबचंद कटारिया को तुरंत पदभारग्रहण करना होगा। कटारिया को नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देना होगा। उदयपुर संभाग की जनता का जो नेता बेहतर तरीके के प्रतिनिधित्व कर सकता है, उसमें राजेन्द्र राठौड़, वासुदेव देवनानी और जोगेश्वर गर्ग के नाम शामिल है। तो दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक भी राजे का नाम आगे करेंगे।
भाजपा के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी ये नियुक्ति
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के लिए नियुक्ति करना भाजपा के लिए सबसे टेढ़ी खीर मानी जा रही है। इस पद की रेस में वसुंधरा राजे का नाम सबसे ऊपर लिया जा रहा है, इसके बाद राजेंद्र राठौड़ का नाम सामने आ रहा है क्योंकि अभी वे उपनेता प्रतिपक्ष का पद संभाल रहे हैं।
संघनिष्ठ माने जाने वाले कटारिया का नाम अमित शाह के साथ सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में उछला था। हालांकि वह जेल नहीं गए। जमानत पर रहे और बाद में बरी हो गए। कटारिया आपातकाल के बाद पहली बार विधायक बने। इसके बाद से वे लगातार आठ बार विधायक और एक बार उदयपुर सीट से लोकसभा में गए है। गुलाबचंद कटारिया उदयपुर संभाग में सीट बदल—बदल कर चुनाव लड़ते रहे हैं।
कटारिया संघनिष्ठ नेताओं में राजस्थान के सबसे बड़े चेहरे है। राजनीति में उनकी ईमानदारी की मिसाल दी जाती है। गुलाबचंद कटारिया से पहले राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर असम के राज्यपाल रह चुके हैं।