भारत-पाक के पहले युद्ध से एयरस्ट्राइक तक….हमें 'आंख' दिखाने वाले PAK को हर बार टेकने पड़े घुटने
India vs Pakistan : नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में हुए आतंकी हमले के बाद एक बार फिर पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग उठने लगी है। इस हमले में 3 अफसरों सहित एक जवान शहीद हो गया है। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली है, जो पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुखौटा संगठन है।
लश्कर-ए-तैयबा पाक सरकार की मशीनरी के समर्थन से विकसित हुआ और वही समर्थन अब टीआरएफ को मिल रहा है। ऐसे में यह तो साफ है कि इस हमले के पीछे पाक सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ है। ऐसे में हर कोई यही चाहता है कि पाकिस्तान को एक बार फिर सबक सिखाया चाहिए।
साल 1947 में भारत से अलग हुआ पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। आतंकियों का पनाहगार पाकिस्तान हर मौके पर सीमा पर घुसपैठ और भारत में दहशत फैलाने की कोशिश में लगा हुआ है। लेकिन, पाकिस्तान को हर बार भारत ने पटखनी दी है। फिर चाहे साल 1947 का युद्ध हो, करगिल की लड़ाई हो या फिर साजिश के तहत किए गए आतंकी हमले। पाकिस्तान ने जब-जब भी भारत की पीठ में खंजर खोपने की कोशिश की है, तब-तब भारत ने उसे मुंहतोड़ जवाब दिया है।
जानें-कब-कब पाकिस्तान ने भारत के आगे टेके घुटने
1947 युद्ध : आजादी के कुछ दिन बाद ही भारत और पाकिस्तान के बीच जंग छिड़ गई थी। इसे प्रथम कश्मीर युद्ध भी कहा जाता है। इस युद्ध की वजह कश्मीर ही थी। क्योंकि पाक सेना की सह पर कबायली सेनाओं ने कश्मीर में कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया था। जिस पर भारतीय सेना और कबायलियों के बीच जंग हुई थी। हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 22 अप्रैल 1948 को रेसोलुशन 47 पारित किया।
जिसके बाद तत्कालीन मोर्चों को धीरे धीरे ठोस बना दिया, जिसे अब नियंत्रण रेखा कहा जाता है। 1 जनवरी 1949 की रात को 23.59 बजे एक औपचारिक संघर्ष-विराम घोषित किया गया था। इस युद्ध में भारत का कश्मीर के कुल भौगोलिक क्षेत्र के लगभग दो तिहाई हिस्से कश्मीर घाटी, जम्मू और लद्दाख पर नियंत्रण हुआ। वहीं, पाकिस्तान को लगभग एक तिहाई हिस्से पर पाक गुलाम कश्मीर और गिलगिट-बाल्टिस्तान रह गया।
1965 का युद्ध : 1947 के युद्ध में हार के बाद पाकिस्तान ने साल 1965 में एक बार फिर नापाक हरकत की। कश्मीर में पाकिस्तान को मिलाने के इरादे से पाक सेना ने अगस्त 1965 में जम्मू-कश्मीर पर हमला कर दिया। इसके जवाब में भारत ने बड़े पैमाने पर सैन्य हमले किए। सोवियत संघ और संयुक्त राज्य द्वारा राजनयिक हस्तक्षेप करने के बाद युद्धविराम घोषित किया गया।
हालांकि, 17 दिनों तक चले इस युद्ध में दोनों ही देशों हजारों जवान शहीद हो गए। इसके बाद साल 1966 में भारत-पाकिस्तान के प्रधानमंत्रियों ने ताशकंद समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के तहत भारत ने पाकिस्तान के कब्जाए इलाकों को वापस लौटा दिया। लेकिन, ताशकंद में ही 11 जनवरी 1966 को रहस्यमयी परिस्थितियों में लाल बहादुर शास्त्री का निधन हो गया था
1971 का युद्ध : भारत-पाकिस्तान के बीच तीसरा युद्ध 1971 में हुआ। इस युद्ध में भारत ने 94000 से ज्यादा पाक सैनिकों को बंदी बनाया लिया था। लेकिन, पाक की हार देखते हुए संयुक्त राज्य अमेरिका सहित ब्रिटेन, चीन और फ्रांस ने पाक का साथ दिया। हालांकि, सोवियत संघ रूस भारत की मदद के लिए आगे आ गया। जिसके चलते कई देश तो पीछे हट गए। लेकिन, अमेरिका और ब्रिटेन पाकिस्तान का साथ देने पर अड़े रहे।
लेकिन, समुद्र से रूस का पावर लेस देख इन दोनों ही देशों के होश उड़ गए। तब रूस की मदद से इन्दिरा गांधी ने पूरी दुनिया को संदेश दिया था कि भारत को कमजोर ना समझें। 13 दिनों तक चली जंग में पाकिस्तान को काफी नुकसान हुआ और पाक के दो टुकड़े हो गए। पाकिस्तान से अलग होकर नए देश बांग्लादेश की स्थापना हुई थी।
1999 का युद्ध : भारत और पाकिस्तान के बीच चौथा युद्ध साल 1999 में हुआ। जिसे कारगिल युद्ध के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध कारगिल जगह पर हुआ जिससे इसे कारगिल युद्ध कहते है। पाक ने सेना और आतंकियों की मदद से भारतीय इलाकों पर कब्जा करने की कोशिश की।
मई 1999 तक भारत को पाकिस्तानी सेना की इस हरकत का पता नहीं चला। लेकिन, पता चलते ही भारत ने पाक को मुंह तोड़ जवाब दिया। यह युद्ध पाकिस्तानी सेना के लिए एक बड़ी सैन्य हार थी। इस युद्ध में 4 हजार से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।
2016 में सर्जिकल स्ट्राइक : इसके बाद पाकिस्तानी सेना ने कभी भी भारतीय सीमा में घुसने की हिमाकत नहीं की और आतंकियों की मदद कर घुसपैठ कराने लगे। जिसका नतीजा ये निकला कि 18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले में 18 जवान शहीद हो गए थे।
इसके बाद भारत ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए 10 दिन बाद ही 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की। भारतीय सेना पीओके में 3 किमी अंदर तक घुस गई और आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया।
2019 में एयरस्ट्राइक : सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी पाकिस्तान ने अपनी हरकतों से बाज नहीं आया और फरवरी 2019 में पाक ने आतंकियों को घुसपैठ कराकर भारत में भेज दिया। इस आतंकियों ने 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया। इस आंतकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे।
इसके बाद भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को सबक सिखाया। 26 फरवरी 2019 की रात भारतीय वायुसेना के 12 मिराज और दो हजार फाइटर जेट पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए और सेना ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तहस-नहस कर दिया। बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम से जाना जाता है।
खास बात ये रही कि जब-जब भी पाकिस्तान ने हमें आंख दिखाने की हिमाकत की है, तब-तब भारत ने मात्र 10 से 15 दिन के अंदर ही पाकिस्तान को सबक सिखाया है। ऐसे में अब हर किसी को इंतजार है कि भारत कब तक पाकिस्तान को सबक सिखाने वाला है।
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