सैलरी बढ़ाने का क्या है तरीका, कैसे रखें बॉस के सामने अपनी बात, जानें
Salary Hike Tips: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले ज्यादातर लोगो सैलरी पर ही निर्भर रहते है। प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए हमेशा सैलरी में बढोत्तरी नहीं होना एक परेशानी होती है। कई लोगों में यह भी देखा गया है कि वो अपनी सैलरी बढाने के लिए HR से बात करने में भी डरते हैं। समय पर सैलरी नहीं बढने के कारण लोगों को मुश्किल का भी सामना करना पड़ता है। किस तरह से हम अपनी सैलरी बढाने की बात HR से कर सकते है और सैलरी इंक्रीमेंट की बात करते हुए हमे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए तो आइए जानते है…
इस समय बिल्कुल नहीं करे सैलरी इंक्रीमेंट की बात
यदि कंपनी वित्तीय संकट से गुजर रही है, तो आपका वेतन वृद्धि की मांग सही नहीं है। एक कर्मचारी के रूप में, आपको कंपनी की वित्तीय स्थिति के बारे में पता होना चाहिए। ऑफिस में HR द्वारा कहीं किसी भी बात पर भी पूरी तरह भरोसा न करें।
इस बारें में स्वयं अपने स्तर पर जानकारी निकाल कर सत्यता की जांच करें। अगर कंपनी में आर्थिक संकट तल रहा है तो सैलरी इंक्रीमेंट की बात बिल्कुल नहीं करें।
आत्मविश्वास के साथ रखे अपनी बात
सबसे पहले अपने आपको अपने बॉस या एचआर से बात करने से पहले खुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा। आपको यह भी जानना होगा कि आप जितनी सैलरी की मांग कर रहे है क्या वास्तव में आप उतनी सैलरी डिजर्व करते हैं।
आत्मविश्वास के साथ आपको अपने बॉस को बताना होगा कि कंपनी के लिए आप काफी अच्छा काम कर रहे हैं और जो काम आप कर रहे हैं उसके लिए ही आपकी सैलरी बढ़ाई जानी चाहिए।
इस हिसाब से नहीं बढ रही सैलरी तो बदले जॉब
अगर आप किसी कंपनी में पिछले कई सालों से काम कर रहे है और मंहगाई दर के अनुरुप आपकी सैलेरी में बढोत्तरी नहीं हई है तो आप नौकरी बदल लें। कई बार नौकरी बदलने के साथ ही हमे बेहतर नौकरी के अवसर मिल जाते है।
नई कंपनी में जाने के बाद आप आत्म विश्वास से भर जाते है। लेकिन, नौकरी बदलने से पहले इस बात की जानकारी जरुरी ले कि आपके अनुभव, शिक्षा और भूमिका के आधार पर नई संस्था में आपको कितना वेतन मिलेगा।
अगर आपको मौजूदा नौकरी से बेहतर ऑफर मिल रहे हैं तो नौकरी बदलने बिल्कुल देरी नहीं करें। कई बार लोग लगातार एक ही संस्थान में लंबे समय से काम करने के दौरान अपनी सैलरी से समझौता कर लेते हैं।
ऐसा करने से कर्मचारी को आर्थिक रुप से नुकसान उठाना पड़ता है।