क्या है Post-Traumatic Stress Disorder? इस डिसऑर्डर का शिकार हुए लोगों को कैसे बचाएं
Post-Traumatic Stress Disorder के नाम से हम जैसा समझ सकते हैं, ये एक दिमाग से जुड़ी परेशानी है। अक्सर ये डिसऑर्डर किसी खतरनाक घटना से उत्पन्न होता है। इस डिसऑर्डर में इंसान का हाल इतना बुरा हो जाता है कि, उसका जीना भी मुश्किल हो सकता है। इस कंडिशन में इंसान बार-बार उसके साथ हो रही घटना के बारे में महीनों तक सोचता रहता है। साथ गहरे सदमे में भी चला जाता है। तो चलिए आज बात करते हैं इस समस्या के कारणों एवं उपचार के बारे में।
क्या हैं Post-Traumatic Stress Disorder के कारण
अक्सर Post-Traumatic Stress Disorder के शिकार वो लोग होते हैं जो एंग्जायटी डिसॉर्डर या डिप्रेशन की चपेट में होते हैं। साथ ही वो लोग जल्द ही भावनाओं में बहने वाले होते हैं। एक रिसर्च के अनुसार, हमारा दिमाग भावनाओं को काफी हद तक कंट्रोल करता है। लेकिन अगर उसकी ये क्षमता खत्म हो जाती है तो फिर कोई भी आसानी से Post-Traumatic Stress Disorder की चपेट में आ सकता है।
Post-Traumatic Stress Disorder के लक्षण
अगर आप कभी अचानक से नींद से उठने लगे, बार-बार दुर्घटना के बारे में बार-बार सोचना, सपने में रोना, हादसे को लगातार महसूस करना ये कुछ मुख्य लक्षणों में है। इसके अलावा भूख, प्यास यौ नींद की कमी, किसी चीज से डर लगना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
कैसे रखे ख्याल
अगर आपके आस-पास भी कोई ऐसा व्यक्ति है जो किसी दूर्घटना को देखकर परेशान है तो उसे तुरंत ही काउंसलर के पास लेकर जाएं। ऐसे लोगों को कभी भी अकेला न छोड़े क्यों डिपरेशन के चलते अक्सर ये लोग आत्महत्या के बारे में सोचते हैं। पीड़ित के आसपास के माहौल को खुशनुमा बनाएं।