14 जुलाई के दिन जश्न मनाता है फ्रांस, जानें क्या है बैस्टिल डे परेड...जिसमें मेहमान बनेंगे PM मोदी
Bastille Day Parade : नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज से दो दिवसीय फ्रांस दौर पर है। पीएम मोदी मोदी 14 जुलाई को फ्रांस में बैस्टिल दिवस समारोह में विशिष्ट अतिथि होंगे। इसमें भारतीय सेना के तीनों अंगों की एक टुकड़ी भी हिस्सा लेगी। लेकिन, क्या आपको पता है कि फ्रांस की बैस्टिल डे परेड की शुरूआत कब से हुई और क्यों खास है? फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस को बैस्टिल डे के नाम से जाना ताजा है, जो हर साल 14 जुलाई को मनाया जाता है।
यह डे फ्रांसीसी क्रांति की एक प्रमुख घटना की याद में मनाया जाता है। इस दिन पूरा देश जश्न में डूबा रहता रहता है और सरकारी व गैर-सरकारी दफ्तरों में सामूहिक छुट्टी रहती है। आईये जानते है ऐसा क्या हुआ कि फ्रांस में बैस्टिल डे को एक पर्व की तरह मनाया जाने लगा।
दरअसल, फ्रांस में साल 1789 में सुधारवादी और रूढ़िवादी गुटों के बीच तनाव बढ़ गया था, क्योंकि देश आर्थिक संकट का समाधान करने के लिए संघर्ष कर रहा था। इसी दौरान 14 जुलाई को उग्र भीड़ ने एक ओर होटल डेस इनवैलिड्स के तहखाने में रखे हथियारों को अपने कब्जे में ले लिया था तो दूसरी ओर पेरिस की बैस्टिल जेल पर हमला कर अपने साथियों को छुड़ा लिया था। इस घटना ने फ्रांस की क्रांति को और भड़का दिया था। लेकिन, लोगों ने जो एकता की मिसाल पेश की, उसने इस पल को यादगार बना दिया। जिसका नतीजा ये निकला कि इस दिन को उत्सव की तरह मनाया जाने लगा।
साल 1880 में हुई बैस्टिल सैन्य परेड की शुरूआत
फ्रांसीसी की एकता का ये जश्न पहली बार 14 जुलाई 1790 को मनाया गया। तभी से पूरे फ्रांस में समारोह आयोजित किए जाते रहे हैं। लेकिन, बैस्टिल सैन्य परेड की शुरूआत हुई और 14 जुलाई 1880 को। तभी से हर साल फ्रांस में बैस्टिल सैन्य परेड का आयोजन किया जाता है। लेकिन, दो बार ऐसे मौके पर आए जब परेड नहीं निकाली जा सकी। पहली बार साल 1940-1944 के वर्ल्ड वार-2 के कारण परेड रद्द रही थी और दूसरी बार साल 2020 में कोरोना की वजह से परेड नहीं निकाली जा सकी।
परेड़ में कौन-कौन होता है शामिल?
बैस्टिल डे सैन्य परेड फ्रांसीसी सैन्य परेड है, जो साल 1918 से चैंप्स-एलिसीस पर आयोजित की जा रही है । यह परेड हर साल 14 जुलाई को सुबह के समय निकाली जाती है। यह परेड साल 1880-1917 तक हर साल पेरिस में निकाली गई थी। परेड में राष्ट्रपति सहित सभी गणमान्य लोग और फ्रांस में विदेशी राजदूत मौजूद रहते हैं।
परेड में करीब साढ़े 9 हजार सैनिक शामिल होते हैं। जिनमें से 7800 सैनिक पैदल तो बाकी सैनिक गाड़ी, घोडे, हाथी पर सवार होते है। कुछ सालों से इस परेड में विदेशी नेताओं अतिथि के तौर पर बुलाने की परंपरा शुरू हुई। साथ ही विदेशी सैनिकों की टुकड़ियों को भी परेड में आमंत्रित किया जाने लगा। इस बार परेड के मुख्य अतिथि पीएम मोदी है और भारतीय सेना की 3 टुकड़ियां भी शामिल होगी।
ये खबर भी पढ़ें:-Chandrayaan-3 : भारत कल बन जाएगा चांद को चूमने वाला वर्ल्ड का चौथा देश, ISRO ने कसी कमर