शरीर एकाएक ठंडा पड़ने लगे तो…हाइपोथर्मिया से बिगड़ जाती है हालत
वाशिंगटन। रिटेन की सैंडविच और कॉफी शृंखला ‘प्रेट ए मैंगर’ पर हाल में तब 8,00,000 पाउंड का जुर्माना लगाया गया जब उसका एक कर्मचारी वॉक-इन फ्रीजर में करीब ढाई घंटे तक शून्य से कम 18 डिग्री सेल्सियस के फ्रीजर में फंसा रहा। इसके बाद उसमें हाइपोथर्मिया के लक्षण दिखाई दिए। प्रेट ने माफी मांगी है और कहा है कि वह फ्रीजर निर्माता कंपनी से बातचीत कर रही है ताकि यह दोबारा न हो। अमेरिका में 2022 में ऐसी ही एक घटना में एक व्यक्ति की हाइपोथर्मिया से मौत हो गई थी। अत्यधिक ठंडा तापमान कोई हल्के में लेने की बात नहीं है। हाल ही में इस पर जाह्नवी कपूर की फिल्म ‘मिली’ भी आई है।
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क्या लक्षण होने लगते हैं प्रकट
हल्के चरण में शरीर का तापमान 32 से 35 डिग्री सेल्सियस के बीच गिर जाता है। गंभीर चरण में शरीर का तापमान 28 डिग्री के नीचे चला जाता है और शरीर के ज्यादातर अंग काम करना बंद कर देते हैं। इस चरण तक ज्यादातर लोग अचेत हो जाते हैं। अनुसंधान से पता चलता है कि तापमान में हर पांच डिग्री की गिरावट से किसी व्यक्ति के अस्वस्थ होने या उसकी मौत होने का जोखिम 1.6 गुना बढ़ जाता है। हाइपोथर्मिया बहुत खतरनाक है, क्योंकि यह धीरे-धीरे बढ़ता है और प्रभावित व्यक्ति का मस्तिष्क काम करना बंद कर देता है।
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ऐसे में क्या करें !
हाइपोथर्मिया पानी में तेजी से होता है, क्योंकि ठंडा पानी शरीर से गर्मी को 25 गुना ज्यादा दूर करता है। हाइपोथर्मिया का इलाज शरीर को फिर से गर्म करके किया जाता है। हल्के हाइपोथर्मियों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए इसका इलाज उन्हें ठंडे स्थान से निकालकर, उनके गीले कपड़े उतारकर और उनके शरीर के तापमान को बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कपड़े पहनाकर किया जाता है। मध्यम या गंभीर हाइपोथर्मिया से पीड़ित व्यक्ति को किसी बाहरी स्रोत से गर्मी की आवश्यकता होती है। तेज गति से चलना भी बेहद फायदेमंद हो सकता है।