Weather Update : मार्च में 50 साल में 300% ज्यादा बारिश, 2 साल में सबसे ठंडा रहा
(निरंजन चौधरी) जयपुर। मौसम की दृष्टि से मार्च का महीना पिछले दो वर्षों की तुलना में ठंडा रहा। प्रदेशभर में इस वर्ष मार्च महीने में सबसे अधिक तापमान जोधपुर में 38.4 डिग्री दर्ज हुआ। इसके अलावा राज्य में पिछले दिनों बैक टू बैक छह पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हुए, जिसके कारण यहां पिछले कई वर्षों के मुकाबले बरसात तीन सौ प्रतिशत से भी अधिक दर्ज हुई। हालांकि, मौसम विभाग ने मार्च की शुरुआत में आंकड़ों के अध्ययन के अनुसार मार्च महीने में तापमान पिछले वर्षों के मुकाबले अधिक दर्ज होने की आशंका जताई थी, मगर इसके विपरीत तापमान इस वर्ष पिछले वर्षों के मुकाबले चार से पांच डिग्री नीचे दर्ज हुआ।
मौसम केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा ने बताया कि 50 वर्षों में औसत वर्षा 5 एमएम के नजदीक दर्ज हो रही थी। इस वर्ष कई विक्षोभों की वजह से करीब 17 एमएम तक पहुंच गई है। हालांकि, पिछले वर्ष जनवरी में भी भारी वर्षा हुई थी। पिछले दो वर्षों की तुलना में इस बार तापमान कम रहने का कारण बैक टू बैक पश्चिमी विक्षोभ ही है।
बाड़मेर में इस महीने रही ठंड
इस वर्ष बाड़मेर का अधिकतम तापमान 38 डिग्री के नजदीक दर्ज हुआ, जबकि बाड़मेर में पिछले वर्ष 17 मार्च को अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री और 26- 27 मार्च 2021 को 43.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। इसके अलावा यहां 19 मार्च 2020 को तापमान 38.1 डिग्री दर्ज हुआ था।
राजधानी में पारा इस बार 5 डिग्री कम
राजधानी में इस वर्ष मार्च के महीने में अधिकतम तापमान 35 डिग्री को पार नहीं कर पाया, जबकि यहां 31 मार्च 2022 को तापमान 40.3 डिग्री एवं 29 मार्च 2021 को 40.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। दूसरी तरफ यहां 25 मार्च 2020 को तापमान 34.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। इसके अलावा यहां 17 मार्च 2014 को तापमान 35.6 डिग्री रहा। यहां मार्च के अंत तक लोगों को ठंडक का अहसास होता रहा।
जोधपुर में दो से 3% कम तापमान
प्रदेश में इस वर्ष सबसे अधिक तापमान जोधपुर के फलौदी में 38.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। यहां पिछले वर्ष 17 मार्च को तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस और 28 मार्च 2021 को तापमान 40.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था। यह इस वर्ष के मुकाबले दो से तीन डिग्री अधिक है। दरअसल यहां 22 मार्च 2020 को तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था, जो इस वर्ष से भी कम था। हालांकि, यहां 2015 से 2019 तक तापमान 40 डिग्री से ऊपर ही दर्ज हुआ था
4 मार्च को एक्टिव हुआ पहला विक्षोभ
सबसे पहला पश्चिमी विक्षोभ 4 माच को एक्टिव हुआ। इसके बाद दूसरा 13 मार्च , तीसरा 16 मार्च , चौथा 19 मार्च, 5वां 23 मार्च के बाद आखिरी 29 मार्च को एक्टिव हुआ। इसके चलते प्रदेश के सभी संभागों में आंधी के साथ बारिश और कई जगह ओलावृष्टि हुई। इसी का असर है कि प्रदेश में पिछले वर्षों के मुकाबले कम तापमान दर्ज हुआ है। वहीं, दूसरी ओर मार्च महीने में सामान्यतया बरसात 5 एमएम के नजदीक दर्ज की जाती है, मगर इस वर्ष मार्च के महीने में बैक टू बैक एक्टिव हुए छह पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य में करीब 17 एमएम से भी अधिक वर्षा दर्ज हुई। इधर मौसम केंद्र की मानें तो मार्च महीने में पिछले वर्षों की तुलना में तीन सौ प्रतिशत से भी अधिक वर्षा दर्ज हुई है।