पाला पड़ने से चौपट हुई किसानों की मेहनत, गोभी 5, मटर 10 और टमाटर बिक रहा है 2 रुपए किलो के भाव
जयपुर। प्रदेश में बीते दिनों पाला पड़ने से फसलों में भारी भारी नुकसान हुआ है। 1 जनवरी से ही जयपुर के आसपास में लगातार पाला पड़ने से 30 से 90 फीसदी तक फसले बर्बाद हो चुकी है। सबसे अधिक असर टमाटर, मटर, गोभी, मिर्च की फसल पड़ा है। इनकी 90 फीसदी तक की फसलें खराब हो चुकी है। टमाटर और गोभी की फसल पाले से एक साथ पकने के कारण मंडियों में इनकी अचानक आवक बढ़ी है। इसके कारण सब्जियों के दाम गिरे हैं। किसानों को लागत तो दूर, मंडियों तक लाने का किराया तक नहीं निकल रहा।
यह खबर भी पढ़ें:-Saras Milk Price Hike : आज से सरस टोंड महंगा, कल से गोल्ड और अन्य ब्रांड भी ज्यादा कीमतों में मिलेंगे
मंडी में थोक भाव में गोभी 5, टमाटर 2, और मटर 10 रुपए प्रति किलो बिक रहा। टमाटर की स्थिति ऐसी है कि खरीदार नहीं होने के कारण मंडियों में फेंकने को मजबूर है। वहीं मटर की फसल पकने से पहले ही खराब होने से बाजार में आवक कम हो चुकी है। रबी की फसलों की बात करें तो जयपुर, सीकर, चूरू, झुंझुनूं, अलवर, दौसा सहित करीब एक दर्जन जिलों में सरसों और जो की फसल में भारी नुकसान हुआ है।
पाले से खराब फसलों का कोई मुआवजा नहीं
किसान नेता प्रोफेसर सीबी यादव ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत किसानों को मिलने वाला मुआवजा इन्हें नहीं मिल रहा। किसान नियमों में उलझकर रह गया है। उन्होंने बताया कि खराबे की सूचना कं पनी को 72 घंटे में देने पर ही मुआवजा देने की बात कह रहे हैं, लेकिन फसलों पर पाले का असर दो से तीन दिन दिन बाद दिखाई देने लगता है।
यह खबर भी पढ़ें:-नागौर में खाकी फिर शर्मसार! पुलिस ने दूध की दुकान से युवक को उठाया, थाने लाकर प्राइवेट पार्ट पर लगाए करंट
सब्जी की आवक बढ़ी, मटर की घटी
फसलों को देखते ही आंसू निकल रहे मुहाना मंडी अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि टमाटर, गोभी, मटर और अन्य सब्जियों में पाले के चलते खराबा अधिक हुआ है। इसके कारण बाजार में अचानक आवक बढ़ी है। मुहाना मंडी में पांच दिन पहले टमाटर की आवक प्रतिदिन 15 टन के करीब थी और भाव 10 से 15 रुपए प्रतिकिलो थे, लेकिन सोमवार को 20 टन के करीब टमाटर आया है। टमाटर के खरीदार नहीं है। वहीं गोभी रोजाना 14 से 15 टन प्रतिदिन आ रही है। फसलें खराब होने से मटर की आवक कम होकर 28 टन प्रतिदिन के करीब हो गई है।
फसलों को देखते ही आंसू निकल रहे
पाला पड़ने से सब्जियों की फसलें पूरी तरह खराब होने से किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। चौमूं के भूतेड़ा निवासी लक्ष्मीचंद नेतड़ और चिमनपुरा निवासी विमल कु मार यादव ने बताया कि दो दिन की धूप लगने के बाद गेहूं को छोड़कर अन्य सभी फसलों में स्पष्ट रूप से नुकसान दिखने लगा हैं। ऐसे आलम में फसलें बर्बाद होने से लाखों का आर्थिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया की टमाटर और मटर की पैदावार और भाव को देखते हुए इस बार अच्छे मुनाफे के आसार थे, लेकिन अब सब कुछ चौपट हो गया। पौधे झुलसकर सूख गए हैं।मटर के पौधों के फूल झड़ गए हैं। फल्लियां भी सूखकर मुरझा गए हैं।
यह खबर भी पढ़ें:-सवाई सिंह हत्याकांड : आरोपियों के परिजनों ने पीएम मोदी-अमित शाह से 30 साल पुराने ब्लैकमेल कांड की दोबारा जांच की मांग उठाई
इनका कहना है
पाले से फसलों को बचाने के लिए किसानों को जागरूक कर रहे हैं। रबी की फसल में पाले से हुए नुकसान के सर्वे के लिए सभी जिलों के डिप्टी डायरेक्टर्स को निर्देश पहले से ही दे रखे हैं। जो अपने स्तर पर गिरदावरी कराएं गे। सब्जी की फसलें मौसम आधारित फसलें होती है। इसलिए कु छ सब्जियों का बीमा क्लेम नहीं होता। अगर कहीं नुकसान हुआ है तो किसान बीमा कं पनी को 72 घंटे में सूचना दे सकते हैं। इसके अनुसार उन्हें मुआवजा मिलेगा। कानाराम, आयुक्त, कृषि विभाग