पेयजल परियोजना को लेकर जलदाय मंत्री ने विधानसभा में दिया जवाब
जयपुर। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री महेश जोशी ने विधानसभा में पेयजल परियोजना को लेकर जवाब दिया। जलदाय मंत्री ने विधानसभा में कहा कि चम्बल गंगापुर-नादौती पेयजल परियोजना में विलम्ब के कारण पानी की बढ़ी हुई मांग को पूरा करने तथा इससे अब तक वंचित रहे क्षेत्रों में पेयजल पहुंचाने के लिए राज्य सरकार ने योजना बनाई है। इस संवर्द्धित योजना के मिनट्स जारी किए जाने तथा इसे लेकर केन्द्र सरकार की क्वेरीज को पूरा करने की कार्रवाई की जा रही है।
उन्होंने कहा कि परियोजना में पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने तथा कंपनी के किए गए विलम्ब के कारण चम्बल-सवाई माधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना में देरी अवश्य हुई है। इसके लिए कंपनी पर नियमानुसार पेनल्टी भी लगाई गई है। जोशी ने प्रश्नकाल के दौरान निर्दलीय विधायक रामकेश मीना के प्रश्नों के जवाब में बताया कि अस्थाई व्यवस्था के तहत 15 करोड़ के काम की मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भिजवाए गए हैं।
पानी की आपूर्ति क्षमता बढ़ाने के लिए फिलहाल अस्थाई व्यवस्था के तहत काम किया जा रहा है। जलदाय मंत्री ने बताया कि सवाई माधोपुर एवं करौली जिले की पेयजल समस्या के दीर्घकालीन समाधान के लिए चम्बल नदी के सतही जल स्रोत (मंडरायल) से चम्बल-सवाई माधोपुर-नादौती पेयजल परियोजना के प्रथम चरण की 478.91 करोड़ की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की गई थी।
इस स्वीकृत परियोजना के प्रथम पैकेज के अन्तर्गत मुख्य ट्रांसमिशन मेन पाइप लाइन एवं अन्य आधारभूत संरचनाओं सहित समग्र कार्य के कार्यादेश 23 सितम्बर 2005 को 269.29 करोड़ के जारी किए गए। इस पैकेज का लगभग 74 प्रतिशत कार्य अब तक पूर्ण किया गया है तथा कार्यदिसम्बर 2023 तक पूरा करना प्रस्तावित है।
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