Vidhyadhar Nagar Vidhan Sabha : ये है BJP का गढ़, 15 साल से हार रही कांग्रेस, क्या बदलेंगे समीकरण?
Rajasthan Election 2023 : राजस्थान की 200 विधानसभा सीटों में से एक ऐसी भी है, जहां पर बीजेपी हैट्रिक लगा चुकी है और चौथी बार भी जीतने के लिए बड़ा दांव खेला है। यह है जयपुर जिले की विद्याधर नगर विधान सभा। जहां पर 15 साल से कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा रहा है और बीजेपी जीतती आ रही है।
इस सीट से बीजेपी ने अब पूर्व मुख्यमंत्री भैरो सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी का टिकट काट कर जयपुर की पूर्व राजकुमारी और राजसमंद से सांसद दिया कुमारी को टिकट दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी चौथी बार भी इस सीट को अपने नाम करने में कामयाब हो जाएगी। लेकिन, अंतिम फैसला तो यहां के 3,37,565 वोटर्स ही करेंगे।
लेकिन, पिछले चुनाव की बात करें तो इस सीट से बीजेपी के नरपत सिंह राजवी ने कांग्रेस के सीताराम अग्रवाल को मात्र 31 वोटों से हराया था। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी ने खेल बिगाड़ दिया था। ऐसे में यह तो साफ है कि इस बार कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा जमाने के लिए पूरी तरह कम कस ली है। एक ओर बीजेपी ने दीया कुमारी को उम्मीदवार बनाकर इस सीट से अभेद्य किला बनाने का दांव चला है तो दूसरी ओर कांग्रेस इस सीट से नए चेहरे को चुनावी रण में उताकर बीजेपी के किले में सेंध लगा सकती है।
कैसा है यहां का जातिगत समीकरण व चुनावी मुद्दा ?
जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां पर सबसे ज्यादा करीब 80 हजार राजूपत समाज के लोग है। वहीं ब्रह्माण समाज के करीब 70 और वैश्य वर्ग के करीब 50 हजार वोटर्स है। इसके अलावा एससी-एसटी सहित माली, कुमावत, जाट व मुस्लिम समाज के वोटर्स 20 से 12 हजार के बीच है। बीजेपी ने तो दिया कुमारी को रण के उतारकर दांव खेल दिया है।
क्योंकि राजपूत समाज के वोटर्स की तादात यहां पर सबसे ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस भी कुछ ऐसा ही दांव खेलना चाहेगी कि राजूपत, ब्रह्माण सहित मुस्लिम समाज के वोटर्स को अपनी ओर कर सकेगी। हालांकि, अभी तक यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस किसे टिकट देगी। विद्याधर नगर विधान सभा क्षेत्र में पानी का मुद्दा सबसे बड़ा है। यहां बीसलपुर बांध का पानी घर-घर तक पहुंचाना बड़ी मांग है।
कैसा रहा चुनावी इतिहास?
जयपुर जिले की विद्याधर नगर विधानसभा सीट साल 1976 में पहली बार हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। 1990 से पहले इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ मजबूत रही। लेकिन, इसके बाद धीरे-धीरे ये सीट बीजेपी का गढ़ बनती चली गई। खास बात ये है कि साल 2008 से पहले यह इलाका बनीपार्क विधानसभा सीट के नाम से जाना जाता था।
यहां पहली बार साल 1977 में जेएनपी के बजरंग लाल शर्मा विधायक चुने गए थे। इसके बाद साल 1980 व 1985 में कांग्रेस के शिवराज शर्मा, 1990 व 1993 में बीजेपी के राजपाल सिंह शेखावत, 1998 में कांग्रेस के उदयसिंह राठौड़, साल 2003 में बीजेपी के प्रोफेसर बीरू सिंह राठौड़ विधायक बने।
साल 2008 में बनीपार्क विधानसभा सीट को विद्याधर नगर विधानसभा के नाम से जाना जाने लगा। तब पहली बार बीजेपी के नरपत सिंह राजवी विधायक चुने गए। इसके बाद वो साल 2013 और 2018 में विधायक बने।