राजस्थान में 'भगवान भरोसे' वसुंधरा राजे! BJP की परिवर्तन यात्रा से पहले करने जा रही ये बड़ा धमाका
Vasundhara Raje: राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की परिवर्तन यात्राओं की शुरुआत से एक दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आज प्रदेश के तीन मंदिरों की एक दिवसीय “धार्मिक यात्रा’ पर रहेंगी। राजे इससे पहले राज्य में चुनावी यात्राओं का नेतृत्व कर चुकी हैं, जो राजसमंद के चारभुजा नाथ मंदिर से शुरू हुई थी, लेकिन इस बार भाजपा ने सामूहिक नेतृत्व में ‘परिवर्तन यात्रा’ नाम से चार यात्राएं निकालने का फैसला किया है। प्रत्येक यात्रा की शुरुआत अलग-अलग केंद्रीय नेता करेंगे।
पिछले चुनावों में जब उन्होंने यात्रा का नेतृत्व किया था तो राजे मुख्यमंत्री का चेहरा थीं, लेकिन इस बार पार्टी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जाएगा। इसलिए इस बार कोई चेहरा पेश नहीं किया गया है। इस बार पार्टी ने एक की बजाय चार परिवर्तन यात्रा निकालने का फैसला किया है। माना जा रहा है कि राजे इस यात्रा से बीजेपी नेतृत्व को अपनी ताकत का अहसास कराना चाहती हैं।
कौन-कौनसे मंदिरों में जाएंगी वसुंधरा राजे
राजे शुक्रवार को चारभुजा नाथ मंदिर, श्रीनाथजी मंदिर (दोनों राजसमंद में) और बांसवाड़ा में त्रिपुरा सुंदरी मंदिर जाएंगी। राजे शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे राजसमंद के चारभुजा नाथ मंदिर पहुंचेंगी और वहां पूजा-अर्चना करेंगी। चारभुजानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद राजे राजसमंद के नाथद्वारा के लिए रवाना होंगी, जहां वह पूर्वाह्न सवा 11 बजे श्रीनाथजी के दर्शन करेंगी।
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री दोपहर सवा एक बजे बांसवाड़ा जिले के त्रिपुरा सुंदरी मंदिर भी जाएंगी। राजे त्रिपुरा सुंदरी में प्रगाढ़ श्रद्धा रखती हैं। राजे हेलीकॉप्टर में यात्रा करेंगी। बांसवाड़ा से वह कोटा जाएंगी और पूर्व भाजपा विधायक प्रहलाद गुंजल के भाई को श्रद्धांजलि देंगी, जिनका हाल ही में निधन हो गया था। वह शाम को जयपुर लौटेंगी।
सियासी गलियारों में देव दर्शन यात्रा के क्या मायने?
परिवर्तन यात्राओं से पहले वसुंधरा राजे बीजेपी नेतृत्व को अपनी ताकत दिखानी चाहती है। यही वजह है कि वो आज देव दर्शन यात्रा पर रहेंगी। हालांकि, इस यात्रा के सियासी गलियारों में अलग-अलग मायने निकाले जा रहे है। बीजेपी ने पहले सवाईमाधोपुर से निकाले जाने वाली परिवर्तन यात्रा की कमान राजे को सौंपी थी। लेकिन, कुछ नेताओं के विरोध के बाद उन्हें जिम्मेदारी नहीं मिली।
इसके बाद राजे चाहती थी उन्हें दूसरी परिवर्तन यात्रा की जिम्मेदारी मिले। क्योंकि इस यात्रा के रुट में झालावाड़ भी आ रहा है। लेकिन, इस यात्रा की जिम्मेदारी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी को सौंपी गई। कुछ दिनों पहले राजे दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से मिली थी। इसके बावजूद भी उन्हें राजस्थान की राजनीति से दूर किया जा रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि परिवर्तन यात्रा से पहले देव दर्शन यात्रा राजे का शक्ति प्रदर्शन ही है।
क्या परिवर्तन यात्रा में शामिल होंगी वसुंधरा राजे?
वसुंधरा राजे को कि 2 सितंबर को सवाईमाधोपुर में त्रिनेत्र गणेश जी से शुरू होने वाली परिवर्तन यात्रा की बागडोर सौंपी गई थी। लेकिन, बाद में उन्हें यह जिम्मेदारी नहीं दी गई और अब देव दर्शन यात्रा निकाल रही है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि क्या वसुंधरा राजे सवाईमाधोपुर से निकाली जाने वाली पहली परिवर्तन यात्रा में शामिल होंगी या नहीं?
ये खबर भी पढ़ें:-ज्यूडिशियरी में भयंकर भ्रष्टाचार वाले बयान पर CM गहलोत ने मारी पलटी, कहा-वो मेरी निजी राय नहीं…