गहलोत जनता को सोने के सिक्के बांट दें, तो भी प्रदेश में होगा कांग्रेस का सूपड़ा साफ- वासुदेव देवनानी
अजमेर। पूर्व शिक्षा मंत्री और अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता को भले ही सोने के सिक्के बांट दें, तो भी इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने से कोई नहीं बचा सकता है,क्योंकि इनके जंगल राज कुशासन, भ्रष्टाचार,महिला अत्याचार अजमेर की आठों सीटों सहित प्रदेश में भाजपा प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। महंगाई राहत कैंप लगाकर जनता को केवल परेशान करने के सिवाय कुछ भी नहीं किया जा रहा है।
जो काम ऑनलाइन हो सकता है,इसके लिए जनता को क्यों बुला रहे
देवनानी ने कहा जो काम ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से हो सकता है, उसके लिए जनता को कैंपों में बुलाकर धक्के खिलाए जा रहे हैं। यह महंगाई राहत कैंप नहीं, मजबूरी कैंप हैं। महंगाई राहत कैंप का अवलोकन करने के नाम पर शुक्रवार को हुआ गहलोत का अजमेर का दौरा पूरी तरह विफल साबित रहा है। अजमेर की समस्याओं के समाधान के लिए गहलोत ने अपने भाषण में कोई जिक्र नहीं किया, जिससे जनता को भारी निराशा हाथ लगी है।
गहलोत की सभा में गरीब मजदूरों को जबरन लाया गया
देवनानी ने शनिवार को अपने निवास पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गहलोत की सभा में नगर निगम के सफाई और अन्य कर्मचारियों को विजय लक्ष्मी पार्क लाया गया। जगह-जगह से कमजोर तबके के लोगों और मजदूरों को लाया गया। जब गहलोत के आने में देरी हुई और लोग जाने लगे, तो प्रशानिक अधिकारियों ने गेट पर ताले लगाकर लोगों को रोका। एबीवीपी के कार्यकर्ता ज्ञापन देने की अनुमति लेने एडीएम सिटी के पास गए, तो उन्हें हिरासत में ले लिया गया। यह लोकतंत्र के लिए बहुत ही चिंताजनक बात है। इससे साबित होता है कि गहलोत को जनविरोध का डर सताया हुआ है।
पानी को तरस रही है अजमेर की जनता
देवनानी ने कहा कि पिछले साढ़े चार साल में सरकार ने अजमेर की कोई सुध नहीं ली। गहलोत ने अजमेर के मामलों पर चुप्पी साधे रखी। अजमेर में पानी की समस्या सबसे बड़ी है। लोगों को 72 से 96 घंटे में पानी मिल रहा है। कहीं कम प्रेशर से तो कहीं गंदा पानी सप्लाई किया जा रहा है। बीसलपुर बांध पूरा भरा होने के बावजूद अजमेर की जनता पानी के लिए तरस रही है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर जलदाय मंत्री से कई बार मिल चुके हैं और गहलोत को भी पत्र लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या का समाधान नहीं किया गया है।
पेट्रोल-डीजल महंगा, ग्रामीण विकास पर कुंडली
देवनानी ने कहा कि सरकार जनता को महंगाई से राहत दिलाने का केवल ढोंग कर रही है। उत्तर प्रदेश, मध्यमप्रदेश, गुजरात, हरियाणा से कहीं ज्यादा महंगा पेट्रोल-डीजल राजस्थान में मिलता है। अन्य राज्यों में वैट कम होने के कारण पेट्रोल-डीजल सस्ता है, लेकिन राजस्थान में वैट नहीं घटाने के कारण पेट्रोल-डीजल पंप रूपए महंगा मिलता है। प्रदेश के पेट्रोल-डीजल पंपों का करीब चार सौ करोड़ रूपए बकाया होने के कारण पेट्रोल-डीजल पंप संचालकों ने सरकारी वाहनों में पेट्रोल-डीजल भरना बंद कर दिया है। सरकार ग्रामीण विकास पर कुंडली मारे बैठी है। पंचायतों का 7 हजार करोड़ रूपए सरकार पर बकाया है, जिसका वह भुगतान नहीं कर रही है। केंद्र सरकार और वित्त आयोग से मिले डेढ़ हजार करोड़ रूपए का भुगतान पंचायतों को नहीं किया गया है। मनरेगा के दो हजार करोड़ रूपए बकाया है, जिसका भी भुगतान नहीं किया जा रहा है।
पीएम आवास योजना में नहीं बन पा रहे मकान
देवनानी ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मकान बनाए जाने हैं, जिसमें 45 फीसदी प्रदेश सरकार का होता है। लेकिन सरकार ने यह हिस्सा अभी तक नहीं दिया है, जिससे गरीबों के लिए मकान नहीं बन पा रहे हैं। बकाया राशि लेने के लिए सरपंच हड़ताल पर हैं। मंत्रालयिक कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है। सरकार ने महंगाई राहत देने की झूठी वाहवाही लूटने के लिए कैंप लगाने का काम ठेके पर दे दिया है और महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर प्राइवेट हाथों में सौंप दिए हैं, जिससे सरकारी डेटा के साथ छेड़छाड़ होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।
फ्यूल सरचार्ज बढ़ाया, फ्री बिजली देने की बात धोखा
देवनानी ने कहा कि एक तरफ तो गहलोत सभी लोगों को सौ यूनिट बिजली फ्री देने की बात करते हैं। दूसरी तरफ सरकार ने 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बढ़ा दिए हैं। यही नहीं, बिजली की दरें भी अन्य प्रदेशों के मुकाबले राजस्थान में बहुत ज्यादा हैं। इतना होने के बावजूद यह बात समझ में नहीं आती है कि गहलोत सरकार जनता को गुमराह क्यों कर रही है। लेकिन यह बात भी तय है कि इस बार जनता कांग्रेस सरकार के किसी भी भुलावे में नहीं आएगी।
पहले महिलाओं की इज्जत तो बचाओ
देवनानी ने कहा, गहलोत सरकार ने घोषणा की है कि रक्षाबंधन पर महिलाओं को फ्री मोबाइल फोन दिए जाएंगे। इस पर देवनानी ने कहा कि गहलोत को पहले प्रदेश में महिलाओं की इज्जत बचाने के लिए कदम उठाकर एक अच्छा भाई साबित करना चाहिए। बलात्कार की घटनाओं को पूरे देश में राजस्थान नंबर वन है। अपराध का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। जो मुख्यमंत्री प्रदेश की महिलाओं की रक्षा नहीं कर सकते, वे महिलाओं को मोबाइल फोन देने की बात करते हैं, तो बड़ी हास्यास्पद लगती है।
कांग्रेस का संगठनात्मक ढांचा नहीं, बढ़ती दूरियां
देवनानी ने कहा कि जिस प्रकार जिले के दो कांग्रेस विधायकों ने गहलोत की अजमेर यात्रा से दूरी बनाए रखी, वह कांग्रेस के सत्ता और संगठन की स्थिति को बयां करने के लिए काफी है। गहलोत केवल एक ऐसे व्यक्ति राजस्थान पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ को अजमेर में राजनीतिक रूप से स्थापित करना चाहते हैं, जिनका दो साल पहले तक अजमेर से दूर-दूर का भी वास्ता नहीं रहा है। केवल एक सिपहसालार को गले लगाने के कारण अजमेर के कांग्रेसियों की गहलोत सरकार और संगठन से दूरी बढ़ती जा रही है। गहलोत ने तो राठौड़ को स्थापित करने के चक्कर में स्थानीय कांग्रेसियों को भी नकारा साबित कर दिया है, जिससे कांग्रेसियों में निराशा व्याप्त है। जिस पार्टी के संगठन का ढांचा पिछले दो-तीन साल से बिगड़ा हुआ है और अपने जिला अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं कर पाई है, जिससे अजमेर की जनता और क्या उम्मीद कर सकती है।
दुकान बंद होनी है, तो सस्ता सामान बेचा जाता है
देवनानी ने कहा कि गहलोत और कांग्रेस चाहे जितने जतन कर ले, लेकिन इस बार उसका सत्ता से हटना और कांग्रेस का सूपड़ा साफ होना तय है। खुद कांग्रेस के लोग ही कहते हैं कि इस बार कांग्रेस के विधायकों की संख्या महज इतनी रह जाएगी कि एक फॉर्च्युनर में आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब किसी व्यापारी को अपनी दुकान बंद करनी होती है या किसी की दुकान बंद होनी होती है, तो वह लोगों को सस्ते में सामान बेचना शुरू कर देता है। ऐसा ही कुछ गहलोत महंगाई राहत कैंप लगाकर कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेस में शहर भाजपा अध्यक्ष रमेश सोनी, पूर्व पार्षद अनीश मोयल, बजरंग मंडल महामंत्री रचित कच्छावा आदि भी मौजूद रहे।
( रिपोर्ट- नवीन वैष्णव)