चूहों पर हुआ परीक्षण, बूढ़ा इंसान फिर हो सकता है जवान!
वॉशिंगटन। बोस्टन लैब में एक ‘करिश्मा’ हुआ। बूढ़े और नेत्रहीन चूहों को उनकी दृष्टि वापस मिली है। उनमें अधिक होशियार और युवा दिमाग विकसित हुआ है। दूसरी ओर, कुछ युवा चूहे समय से पहले वृद्ध हो गए। उनके शरीर के लगभग हर टिशू पर विनाशकारी परिणाम देखे गए। यह प्रयोग दिखाता है कि उम्र का बढ़ना एक प्रतिवर्ती प्रक्रिया है जिसे ‘आगे और पीछे’ किया जा सकता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के विशेषज्ञ डेविड सिंक्लेयर ने कहा, ‘हमारे शरीर में, हमारी जवानी की एक बैकअप कॉपी होती है, जिसे उम्र को कम करने के लिए ट्रिगर किया जा सकता है।’
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क्या है उम्र बढ़ने की ‘इन्फॉर्मेशन थ्योरी’
सिंक्लेयर अपने प्रयोग से विपरीत वाले वैज्ञानिक विश्वास को चुनौती देते हैं। उनका कहना है, ‘बूढ़ा होने का कारण शरीर में क्षतिग्रस्त कोशिकाएं नहीं हैं। हमारा मानना है कि ‘कोशिकाओ में जानकारी के अभाव से बुढ़ापा आता है। कोशिका के अपने मूल डीएनए को पढ़ने की क्षमता में धीरे-धीरे कमी आ जाती है और वह भूल जाती है कि उसे कै से काम करना है। ठीक उसी तरह जैसे एक पुराने कं प्यूटर में करप्ट सॉफ्टवेयर बन जाते हैं। मैं इसे उम्र बढ़ने
की इन्फॉर्मेशन थ्योरी कहता हूं।’
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प्रक्रिया के बाद शरीर होगा युवा
सिंक्लेयर लैब में एक जेनेटिक्स रिसर्च फेलो और रिसर्च पेपर के को-ऑथर जे-ह्यून यांग ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नतीजे ‘उम्र के बढ़ने की प्रक्रिया’ और उम्र बढ़ने से जुड़ी बीमारियों के इलाज को देखने का नजरिया बदल देंगे। सिंक्लेयर ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि शरीर 50 का है या 75 का स्वस्थ है या बीमार। एक बार यह प्रक्रिया शुरू हो गई, ‘शरीर फिर से युवा हो जाएगा’, भले आप बूढ़े और बीमार हों।