शहरी रोजगार गारंटी योजना : नहीं बने पर्याप्त जॉब कार्ड, कैसे देें नौकरी
जयपुर। शहरों में 100 दिन का रोजगार देने के लिए राज्य सरकार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना 9 सितंबर से शुरू करने जा रही है। लेकिन जयपुर (Jaipur) के दोनों नगर निगम सहित सभी निकाय के अधिकारियों के सामने समस्या यह खड़ी हो गई है कि पर्याप्त संख्या में जॉब कार्ड ही नहीं बने तो राेजगार किसे दें। ऐसे में मस्टररोल तैयार ही नहीं हो पाई है। उधर, निकायों ने कार्यों का विवरण, बजट स्वीकृति जारी कर दी और रोजगार देने वालों की संख्या भी जारी कर दी है। योजना शुरू करने के लिए सभी निकायों में कम से कम 1 कार्य का चयन करते हुए 50 श्रमिकों की संख्या का निर्धारण कर जॉब कार्ड जारी करने और मस्टररोल तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जयपुर जिले में अभी तक मात्र 10 हजार जॉब कार्ड बने हैं, जबकि 19 हजार से अधिक जाॅब कार्ड बनने चाहिए थे।
जयपुर जिले के 656 वार्डों में से सिर्फ साढ़े तीन सौ में आई कार्यों की मांग
जयपुर जिले के 656 वार्डों में 349 वार्डों में कार्य शुरू होगा। 250 वार्ड जयपुर नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज में हैं, जिनके लिए यूडीएच सचिव ने प्रत्येक वार्डमें 50 श्रमिकों को कार्यदेकर योजना का शुभारम्भ करने के निर्देश दिए हैं। काम मांगने वालों की कमी को देखते हुए सभी वार्डों में कार्य शुरू होने की संभावना नजर नहीं आ रही है।जयपुर के दोनों नगर निगमों के अलावा 12 नगर निकायों में मात्र 33 कार्य योजना तैयार की गई हैं।इनमें सबसे अधिक चौमूं में 11 कार्य योजना बनाकर बजट स्वीकृति दी गई है। योजना को शुरू करने के लिए सभी निकायों में 19100 श्रमिकों को जोड़ने के निर्देश हैं, लेिकन इतने अभी जाॅब कार्ड नहीं बने हैं। प्रशासन की चिंता अब मस्टररोल को लेकर शुरू हो गई है। इसमें कार्यों के अनुसार 50- 50 श्रमिकों की मस्टररोल के लिए श्रमिक नहीं मिल रहे हैं।
श्रमिकों की आवश्यकता अनुसार नहीं बने जॉब कार्ड
योजना में रोजगार के लिए जॉब कार्ड होना अनिवार्यकिया गया है, लेकिन योजना शुरू हो, उतने श्रमिकों के जॉब कार्ड भी नहीं बने हैं।जयपुर हेरिटेज नगर निगम में करीब 4 हजार लोगों ने जॉब के लिए आवेदन किया है। वहीं ग्रेटर में करीब 2 हजार लोगों ने आवेदन किया है। ऐसी ही स्थिति जयपुर के 12 नगर पालिका और नगर निकाय क्षेत्रों की है, जहां अभी तक मात्र 6 हजार के करीब जॉब कार्डबने हैं जबकि 19 हजार से अधिक श्रमिकों की आवश्यकता है। इसको लेकर अधिकारियो की चिंता बढ़ती जा रही है। बीते दिनों यूडीएच सचिव जोगाराम ने नगर निगम ग्रेटर और हेरिटेज के अधिकारियों की बैठक लेकर प्रत्येक वार्डमें 50-50 श्रमिकों को काम देने के निर्देश दिए थे, लेकिन अधिकारी किसे काम दें।