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MBM इंजीनियरिंग कॉलेज से निष्काषित छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोका तो फिर से पानी की टंकी पर चढ़े, बुलानी पड़ी पुलिस

परीक्षा से पहले 16 छात्रों को एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से निकाले जाने के बाद स्टूडेंट्स में आक्रोश व्याप्त है।
02:08 PM Jan 11, 2023 IST | Anil Prajapat
mbm इंजीनियरिंग कॉलेज से निष्काषित छात्रों को परीक्षा में बैठने से रोका तो फिर से पानी की टंकी पर चढ़े  बुलानी पड़ी पुलिस

जोधपुर। परीक्षा से पहले 16 छात्रों को एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज से निकाले जाने के बाद स्टूडेंट्स में आक्रोश व्याप्त है। मंगलवार आधी रात यूनिवर्सिटी में बनीं पानी की टंकी पर चढ़ने के बाद बुधवार सुबह स्टूडेंट्स ने फिर से हंगामा शुरू कर दिया और अपनी मांगों को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दोबारा पानी की टंकी पर चढ़े स्टूडेंट्स को पानी की टंकी से नीचे उतारा। अभी वीसी से बातचीत कर स्टूडेंट्स से समझाइश का प्रयास जारी है।

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दरअसल, एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज में 1 दिसंबर को स्टूडेंट्स के बीच झगड़ा हुआ था । इसके बाद गठित जांच कमेटी ने रिपोर्ट कॉलेज प्रशासन को सौंपी। जिसके आधार पर 16 दिसंबर को चीफ प्रोक्टर डॉ. शैलेष चौधरी ने आदेश जारी कर 16 स्टूडेंट्स को पहले सेमेस्टर से निष्कासित कर दिया। इन स्टूडेंट्स में 13 सेकेंड ईयर, 2 थर्ड ईयर व 1 फोर्थ ईयर स्टूडेंट है। इसके बाद निलंबित 7 छात्र बुधवार से शुरू होने वाली परीक्षाओं में शामिल करने की मांग को लेकर मंगलवार देर रात विवि में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गए और जमकर हंगामा किया। देर रात 1.15 बजे पुलिस व विवि के सिक्योरिटी ऑफिसर रामप्रसाद चौधरी ने स्टूडेंट्स को आश्वासन दिया कि सुबह 9 बजे विवि प्रशासन से बात करेंगे और परीक्षा में बिठाया जाएगा।

इसके बाद मामला शांत हुआ और सभी छात्र नीचे उतर गए। लेकिन, बुधवार सुबह 9 बजे जब परीक्षा में नहीं बैठने दिया गया तो गुस्साए छात्र फिर से पानी की टंकी पर चढ़ गए। इस दौरान स्टूडेंट्स ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध-प्रदर्शन किया। स्टूडेंट्स की मांग है कि जब तक परीक्षा में बैठने की इजाजत नहीं दी जाएगी, तब तक पानी की टंकी से नीचे नहीं उतरेंगे। लेकिन, छात्रों के दोबारा पानी की टंकी पर चढ़ने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और काफी समझाइश के बाद छात्रों को वापस टंकी से नीचे उतारा। अभी वीसी से बातचीत कर स्टूडेंट्स से समझाइश का प्रयास किया जा रहा है। छात्र राजेश सोलंकी ने बताया कि 16 बच्चों को सस्पेंड करने के बाद 13 स्टूडेंट से टंकी पर चढ़ गए थे। ये सभी फाइनल ईयर के स्टूडेंट है और सभी ब्रांच के हैं।

कुलपति के समक्ष भी लगाई थी गुहार

इससे पहले स्टूडेंट्स ने मंगलवार को कुलपति प्रो. अजय शर्मा से बात कर निष्कासन वापस लेने की मांग की थी। उनका कहना था कि बुधवार से होने वाली परीक्षाओं में शामिल नहीं हुए तो उनका करियर खराब हो जाएगा। हालांकि विश्वविद्यालय ने मांग को नहीं माना। इससे स्टूडेंट्स में कॉलेज प्रशासन के खिलाफ रोष व्याप्त है।

छात्रों ने लगाया ये आरोप

कैंपस में हुए झगड़े के बाद गत माह कॉलेज प्रशासन ने 16 छात्रों को कॉलेज से निकाल दिया था। इससे छात्रों का भविष्य अधरझूल में है। छात्रों का कहना है कि उनका झगड़े से कोई लेना-देना ही नहीं है, फिर भी उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया है। छात्र कैलाश भदादा के अनुसार कॉलेज की तरफ से बुधवार को तृतीय वर्ष एवं फाइनल ईयर की परीक्षा शुरू होनी है। गत माह दिसम्बर में कॉलेज के कुछ छात्रों में विवाद के बाद केसबाजी हुई थी। जिस बारे में रातानाडा थाने में मामले दर्ज है। केसबाजी के चलते कॉलेज प्रशासन ने अब 16 छात्रों को परीक्षा से वंचित रखते हुए निकाल दिया है। कई छात्रों का इससे कोई लेनादेना भी नही है। फिर भी उन्हें कॉलेज से निकाला गया है। छात्र कैलाश का कहना है कि सुबह दस बजे परीक्षा शुरू होनी है, मगर उसको भी इससे वंचित कर दिया गया है।

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