Dussehra 2023: कानपुर में है 100 साल पुराना रावण का मंदिर, सिर्फ विजयादशमी के दिन खुलते हैं कपाट
Dussehra 2023: आज पूरे देश में दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है। यह त्योहार हार पर जीत के जश्न में मनाया जाता है। आज ही के दिन भगवान राम ने रावण को हराया था। इसके बाद से इस दिन को असत्य पर सत्य की जीत का नाम देकर हर साल हिंदू लोग दशहरे के रूप में पर्व मनाते हैं। रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतलों को फूंका जाता है.
वहीं उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक ऐसा मंदिर भी है जो विजयदशमी के दिन ही खुलता है और यहां पूरे विधि विधान से रावण का दुग्ध स्नान और अभिषेक कर श्रृंगार किया जाता है। उसके बाद पूजन के साथ रावण की स्तुति पर आरती की जाती है।
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कानपुर में होती है रावण की पूजा
कानपुर में रावण मंदिर के पुजारियों और शास्त्र विद्वानों का मानना है कि रावण को जब भगवान राम ने युद्ध में जब मारा था तो उनका ब्रह्मा बाण रावण की नाभि में लगा था। बाण लगने के बाद और रावण के धराशाही होने के बीच कालच्रक ने जो रचना की उसने रावण को पूजने योग्य बना दिया।
यह वह समय था जब राम ने लक्ष्मण को कहा था कि रावण के पैरों की तरफ खड़े होकर सम्मानपूर्वक नीति ज्ञान की शिक्षा ग्रहण करो। क्योंकि धरातल पर न कभी रावण जैसा कोई ज्ञानी पैदा हुआ है और न ही कभी होगा। रावण का यही स्वरूप पूजनीय है और इसी स्वरूप को ध्यान में रखकर कानपुर में रावण के पूजन का विधान है।
155 साल पुराना है रावण का मंदिर
कानपुर में रावण का 155 साल पुराना मंदिर है जो 1868 में बनाया था और उसके बाद से यहां निरंतर रावण की पूजा होती है। लोग हर साल इस मंदिर के खुलने का इंतजार करते हैं। मंदिर खुलने पर यहां रावण की पूजा अर्चना बड़े धूमधाम से की जाती है।
कानपुर स्थित रावण के इस मंदिर की मान्यता है कि यहां मन्नत मांगने से लोगों की मन की मुरादें भी पूरी होती हैं ओर लोग इसलिए यहां दशहरे पर रावण की विशेष पूजा करते हैं। यहां दशहरे के दिन रावण का जन्मदिन मनाया जाता है।
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