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30 लाख से ज्यादा को लाभ दिला चुका हक दर्शक, अनूठी सोच, जो आज बन गई बड़ा बिजनेस

अपने यूनिक आइडिया और उसे मूर्त रूप देने के डेडिकेशन के चलते ये हक दर्शक आज स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गया है। 
09:23 AM Jun 09, 2023 IST | BHUP SINGH
30 लाख से ज्यादा को लाभ दिला चुका हक दर्शक  अनूठी सोच  जो आज बन गई बड़ा बिजनेस

जयपुर। केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए ढेरों योजनाएं चलाती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि आप किस योजना का लाभ लेने के लिए पात्र हैं। ढेरों योजनाओं के कारण बड़ी संख्या में लोग पात्र होते हुए भी सरकारी योजनाओं का लाभ लेने से वंचित रह जाते हैं। देश के ग्रामीण इलाकों में साक्षरता की दर लगभग 67 फीसदी है। ऐसे में गांवों में ये समस्या ज्यादा विकट है।

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हालांकि शहरों के शिक्षित लोग भी उन सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते, जो उनके लिए बनाई गई हैं। लोगों की इसी समस्या को एक बिजनेस आइडिया बनाकर एक युवा ने ऐसा प्लेटफॉर्म बना दिया जो तमाम सरकारी योजनाओं  के संबंध में लोगों को जागरूक करने के साथ ही पात्र लोगों को बहुत आसानी से उन योजनाओं का लाभ दिलाने में सक्षम है। इस प्लेटफॉर्म का नाम है हक दर्शक और इस पेचीदा आइडिया को साकार करने वाले हैं अनिकेत डोगर। हाल ही शार्क टैंक इंडिया सीजन-2 में आ चुके हक दर्शक को अब लोग पहचानते हैं, लेकिन अनिकेत के लिए लोगों को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ना आसान नहीं था।

वजह थी उनके टारगेट ऑडियंस का अल्प शिक्षित या अशिक्षित होना। तमाम उतार चढ़ाव के बाद 2015 में शुरू हुआ यह स्टार्टअप अब तक 30 लाख से ज्यादा लोगों की मदद कर चुका है, आईआईएम से लेकर नेस्कॉम तक से ग्रांट जीत चुका है और हक दर्शक एजेंट के रूप में ग्रामीण इलाकों में हजारों लोगों को सम्मानजनक रोजगार दे चुका है। अपने यूनिक आइडिया और उसे मूर्त रूप देने के डेडिकेशन के चलते ये हक दर्शक आज स्टार्टअप शुरू करने की इच्छा रखने वाले युवाओं के लिए रोल मॉडल बन गया है।

20 हजार योजनाओं की रिसर्च में लगा डेढ़ साल

हक दर्शक प्लेटफॉर्म को शुरू करने से पहले अनिके त और उनकी टीम को उस समय चल रही 20 हजार से अधिक योजनाओं की जानकारी जुटाने के लिए डेढ़ साल रिसर्च करना पड़ा। योजनाओं का डाटाबेस तैयार होने के बाद प्लेटफॉर्म तैयार हुआ तो इसे लोगों तक पहुंचाना बड़ी चुनौती थी। इससे निपटने के लिए अनिकेत और उनकी टीम ने बी टू बी काम करना शुरू किया और दूसरी एजेंसीज का सर्विस प्रोवाइड करना शुरू किया। फिलहाल उनकी कं पनी का 80 फीसदी काम बी टू बी और 20 फीसदी बी टू सी है।

ग्रामीण युवाओं काे दिया रोजगार

जो खास बात हक दर्शक को अलग बनाती है वह है इसकी ग्रामीण इलाकों में पहुंच बनाने की अप्रोच। हक दर्शक ने ग्रामीण इलाकों में सामान्य पढ़े लिखे युवाओं को हक दर्शक एजेंट के तौर पर नौकरी दी है। ये युवा अपने अपने इलाकों में लोगों को जागरुक कर उन्हें एप से जोड़ते हैं। इससे जहां लोगों को सरकारी योजनाओं का पूरा फायदा मिल पाता है वहीं एजेंट्स भी अपना जीवनयापन कर पाते हैं। कई इलाकों में एजेंट्स की लोकप्रियता का आलम ये है कि उन्होंने ग्राम पंचायत या पंचायत समिति के विभिन्न पदों के चुनाव तक जीते हैं।

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ऐसे काम करता है सिस्टम

हक दर्शक अपनी वेबसाइट व एप के माध्यम से लोगों को सुविधा मुहैया कराता है। इसके तहत कन्ज्यूमर को अपना रजिस्ट्रेशन कर डिटेल्स देनी होती हैं। इनके आधार पर उसके लिए उपलब्ध योजनाओं की जानकारी उसे मिलती है।

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