नवरात्रि पर्व पर अनूठा अनुष्ठान:हाथ में अखंड दीपक, 9 दिन तक बिना खाए पिए करते है अनुष्ठान, जानिए इसके पीछे की वजह
अन्न-जल त्याग व नित्य कर्म नहीं करते हुए 9 दिवसीय अनूठा अनुष्ठान नवरात्र से शुरू किया था और आज समापन होगा
नवरात्रि के पर्व पर हर कोई अपनी-अपनी भक्ति के अनुसार मां को प्रसन्न करने के लिए व्रत इत्यादि के अलावा अनुष्ठान और यज्ञ करते है. लेकिन जोधपुर के बनाड़ रोड खोखरिया स्थित श्री महर्षि संदीपनी रामधर्म गौशाला में संदीपनी राम महाराज द्वारा किया जाने वाला एक अनुष्ठान निश्चित रूप से सबको हैरान कर दिया एक ऐसा अनुष्ठान भी है. जिसमें 9 दिन तक एक ही जगह पर हाथ में बड़ा सा अखंड दीपक लेकर बैठा रहना है. इन 9 दिनों तक बिना कुछ खाए पिए बैठे रहना आप कहेंगे कि यह तो संभव नहीं है. मगर जोधपुर के बनाड़ रोड खोखरिया स्थित श्री महर्षि संदीपनी रामधर्म गौशाला में संदीपनीराम महाराज ने मानव कल्याण को लेकर शारदीय नवरात्रि शुरु होने से अन्न-जल त्याग व नित्य कर्म नहीं करते हुए 9 दिवसीय अनूठा अनुष्ठान नवरात्र से शुरू किया था और आज समापन होगा। संदीपनी राम महाराज प्रत्येक नवरात्रा में हाथ में दीप प्रज्जवलित कर विशेष अनुष्ठान करते है। इस बार वे 41 वां अनुष्ठन पूरा किया है। महाराज के लगातार नौ दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान के दौरान वे एक ही स्थान पर लेटे रहते है और अन्न-जल के साथ नित्य क्रिया त्यागते हुए इस अनुष्ठान को पूरा किया।
बनाड़ रोड खोखरिया स्थित श्री महर्षि संदीपनी राम धर्म गौशाला में संदीपनी महाराज ने महासपनाक नवरात्र में हाथ में दीप प्रज्वलित कर विशेष अनुष्ठान करते है. इस बार वे 41 वां अनुष्ठान कर रहे है. महाराज के लगातार नौ दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान के दौरान वे एक ही स्थान पर लेटे रहे है और अन-जल के साथ नित्य क्रिया त्यागते हुए इस अनुष्ठान को आज पूरा किया. महाराज के इस विशेष अनुष्ठान के दौरान, वे न केवल साधना करते हैं, बल्कि भक्ति और ध्यान के माध्यम से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त करने का प्रयास भी करते हैं।इस अनुष्ठान को देखकर प्रेरित होते हैं और समाज में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
9 दिनों तक नहीं ग्रहण किया अन्न जल
जानकारी देते हुए संदीपनी महाराज ने बताया कि वो पिछले लगभग 20 साल से हर 6 माह में नवरात्रि पर्व पर नौ दिन तक हाथ के ऊपर अखंड ज्योत जलाते हैं. जिसमें ढाई से तीन किलो तेल आता है। इस अनुष्ठान के दौरान उनका यही संकल्प रहता है कि अयोध्या में राम मंदिर बने और गौ माता की रक्षा हो. यह दोनों संकल्प अब पूरे हो चुके है.अनुष्ठान के दौरान एक ही जगह पर 9 दिन तक बैठे रहते हैं. कठिन साधना से पहले एक सप्ताह तक अभ्यास भी करते हैं।9 दिनों तक अन्न जल भी ग्रहण नहीं करते है। इसके लिए एक कक्ष में ये साधना चलती है। कक्ष को सिर्फ नवरात्रि के अवसर पर ही खोला जाता है।
गौ सेवा और मानव कल्याण का है संकल्प
गौ माता को सेवा, विश्व शांति व मानव कल्याण के संकल्प को लेकर प्रत्येक नवरात्रा पर महाराज इसी रूप में अनुष्ठान करते है।इस अवसर पर श्रद्धालु गौशाला प्रागंण में आकर अखंड ज्योत के दर्शन कर अपनी मनोकामना पूरी होने की मन्नत करते हुए धार्मिक आयोजन में सम्मिलित होते है. गौरतलब रहे कि पिछले दिनों अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम संपन्न हुआ था। उसमें संदीपनी महाराज ने गौशाला में एकत्रित किए 600 किलो पी 108 रथों में कलशों में भर कर बैलगाड़ियों के माध्यम से अयोध्या पहुंचाया था।