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शादी के घर में समय का चक्र ऐसा घूमा…दुल्हन की डोली उठने से पहले चाचा की हार्ट अटैक से मौत, बेटे के बाद मां ने भी दम तोड़ा

05:26 PM Feb 02, 2024 IST | Sanjay Raiswal

बूंदी। राजस्थान के बूंदी में एक परिवार में हो रही शादी समारोह में समय का चक्र ऐसा घूमा कि घर में मातम पसर गया। घर में एक साथ 2 लोगों की मौत से शादी की खुशियों को ग्रहण लग गया। लाखेरी कस्बे में बारात आने से पहले चाचा की हार्टअटैक से अचानक मौत हो गई। मंगल गीत के स्वर बंद हो गए और परिवार वालों ने उनका अंतिम संस्कार किया। इसके बाद शादी की रस्में जैसे-तैसे पूरी की गईं। परिवार में एक सदस्य की मौत का दुख कम हुआ भी नहीं था कि उसी देर रात दुल्हन की दादी भी चल बसी। मां और बेटे की मौत के बाद पूरा परिवार गमगीन हो गया।

दिल का दौरा पड़ने से चाचा की मौत

जानकारी के अनुसार, बूंदी रोड पर रमेशचंद सुमन की बेटी राधिका की शादी का बुधवार को मंगल गीतों के साथ कार्यक्रम चल रहा था। बारात दुल्हन के घर पहुंचने ही वाली थी। चारों तरफ शहनाइयों की गूंज सुनाई दे रही थी। दुल्हन के चाचा गोबरीलाल (45) भी भतीजी की शादी को लेकर काम में व्यस्त थे। तभी अचानक से गोबरीलाल की तबीयत बिगड़ गई। उन्होंने सीने में दर्द होने की बात कही। परिजन शादी का कार्यक्रम बीच में छोड़कर उनको अस्पताल लेकर गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। जैसे ही मौत की खबर घर आई तो शादी के मंगल गीत बंद हो गए और शहनाई की गूंज आंसुओं में तब्दील गए हैं।

गम के बीच उठी दुल्हन की डोली

शादी की खुशियों के बीच जब मातम की खबर आई तो परिवार वालों ने निर्णय लिया कि पहले अंतिम संस्कार किया जाएगा। इसके बाद विवाह की रस्में पूरी होगी। अनहोनी होते देख दुल्हन का भी रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार वालों ने अंतिम संस्कार किया और वापस घर आए। इसके बाद किसी तरीके से विवाह की तैयारी में जुट गए। दुल्हन की बारात देर शाम शंकरपुरा से आई, लेकिन कोई खुशी नहीं मनाई गई। साधारण रूप से तोरण और पाणिग्रहण संस्कार की रस्में हुईं।

दादी ने भी तोड़ा दम

जवान बेटे की मौत से परिवार गम से उभरा ही नहीं था कि इतने में दुल्हन की दादी मंगली बाई (90) की अचानक मौत हो गई। जवान बेटे की मौत के गम में बुजुर्ग मां इस सदमे को सह नहीं पाई और चल बसी। पहले से मौत के गम से जूझ रहा परिवार दूसरी मौत से सकते में आ गया। दो दिन में दो मौत से परिवार सदमे में है, जहां गमगीन माहौल में बुजुर्ग मंगली बाई का अंतिम संस्कार किया गया।

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