उदयपुर कलेक्टर के धार्मिक ध्वजों पर आदेश पर अब शेखावत का पलटवार, कहा- हिंदुओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी
उदयपुर कलेक्टर के धर्म से संबंधित ध्वज को फहराने को लेकर दिए गए आदेश पर अब सियासी बवाल मच गया है। इसके अलग-अलग राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं तो वहीं अब भाजपा के केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajnedra Singh Shekhawat) ने भी इस पर कांग्रेस पर हमला बोला है।
गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मुद्दे को ट्वीट करते हुए कहा कि अब उदयपुर में धार्मिक ध्वज लगाने के लिए प्रशासन से आज्ञा लेनी होगी। क्रोनोलॉजी समझिए की बागेश्वर धाम की धर्म सभा के बाद या निषेधाज्ञा जारी हुई है। गजेंद्र शेखावत ने आगे कहा कि यानी विशेष तौर पर यह आदेश भगवा ध्वज ओं के लिए है। हिंदूओं को टारगेट करना कांग्रेस की परमानेंट पॉलिटिकल पॉलिसी है। यह भगवा ध्वज के विरोधी हैं। #नहीं _संभलता_छोड़_दो ।
कलेक्टर का यह है आदेश
गौरतलब है कि उदयपुर कलेक्टर ने बुधवार को एक आदेश जारी किया था। जिसमें उन्होंने कहा था कि अगले 2 महीने तक सार्वजनिक स्थानों पर किसी भी धर्म से संबंधित ध्वज प्रशासन की अनुमति के बिना नहीं लगाए जाएंगे। सरकारी भवन, पार्क, चौराहों पर कहीं अगर ऐसा कुछ दिखता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई होगी।
बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री के बयान से जोड़ा जा रहा है आदेश
उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा के इस आदेश को उदयपुर में ही गांधी ग्राउंड में हुए बागेश्वर धाम यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की धर्म सभा से जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें उन्होंने कुंभलगढ़ में एक विशेष रंग के झंडे की जगह भगवा झंडे लगाने का बयान दिया था। इस मामले में पुलिस ने धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने को लेकर कई धाराओं में धीरेंद्र शास्त्री पर मामला दर्ज किया था।
इसके बाद कुंभलगढ़ में भगवा झंडे के साथ 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया था। इस मामले के बाद उदयपुर कलेक्टर ताराचंद मीणा ने यह आदेश जारी किया। इसलिए अब इसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। तमाम नेता इस पर अपनी अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं।