कोटा में पानी में डूबने से दो किशोरों की मौत, एक को बचाने के चक्कर में दोनों डूबे
कोटा। राजस्थान के कोटा में खदान में डूबने से दो लड़कों की मौत हो गई। दोनों लड़के मवेशियों को पानी पिलाने के बाद नहाने के लिए खदान में भरे पानी उतर गए थे। इस दौरान एक लड़का डूबने लगा तो दूसरे ने उसे बचाने का प्रयास किया। एक को बचाने के चक्कर में दोनों डूब गए। घटना रानपुर थाना क्षेत्र में बंद पड़ी खदान की है। घटना के बाद लोगों ने हादसे का जिम्मेदार यूआईटी अधिकारियों को बताया है।
शनिवार सुबह मृतकों का पोस्टमार्टम करवाने से पहले न्यू मेडिकल हॉस्पिटल के बाहर बड़ी संख्या में खड़े लोगों ने अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। साथ ही आवास योजना में पानी की समस्या का समाधान, मृतक आश्रितों को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता देने की मांग रखी है। हॉस्पिटल के बाहर बड़ी संख्या में खड़े लोगों के प्रदर्शन को देखकर तीन थानों के अधिकारी और पुलिस प्रशासन मौके पर पहुंचे और करीब दो घंटे समझाइश के बाद मृतकों का पोस्टमार्टम करवाया।
दरअसल, शैतान गुर्जर (14) और हंसराज गुर्जर (15) शुक्रवार दोपहर को भैंस को पानी पिलाने देवनारायण आवासीय योजना के पास गहरी खदान में गए थे। इस खदान में पानी भरा रहता है। बताया जा रहा है कि मवेशियों को पानी पिलाने के बाद दोनों भी नहाने को पानी में उतर गए। लेकिन, दोनों ही तैरना नहीं जानते थे। ऐसे में एक युवक को खदान में भरे पानी में डूबता देख दूसरे ने बचाने की कोशिश की। लेकिन, बचाने के चक्कर में दोनों की डूबने से मौत हो गई।
शाम करीब 5 बजे पानी का टैंकर भरने आए युवक ने खदान के पास कपड़े और चप्पल पड़े देखे। उसने आवासीय योजना में जाकर बताया और फिर पुलिस को सूचना दी। देर रात करीब 9 बजे निगम की रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची और दोनों शवों को बाहर निकाला।
लोगों में अधिकारियों के खिलाफ फूटा गुस्सा…
देवनारायण आवास योजना के अध्यक्ष किरण लांगड़ी का कहना है दोनों बच्चों की मौत का जिम्मेदार यूआईटी प्रशासन है। यूआईटी अधिकारियों की लापरवाही के कारण दो घरों के चिराग बुझ गए। पानी की समस्या को लेकर हमने लिखित में कई बार यूआईटी अधिकारियों को सूचना दी, लेकिन उन्होंने अनदेखी की। उन्होंने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। साथ ही मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख की आर्थिक सहायता की मांग की।