बाड़मेर में कुएं की खुदाई करने के दौरान आया करंट, दो लोगों की दर्दनाक मौत
बाड़मेर। राजस्थान के बाड़मेर में दुखद घटना सामने आई है। करंट लगने से दो मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। ओपनवेल खुदाई के दौरान दो मजदूरों को करंट लग गया। घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया और घटनास्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। ग्रमीणों ने तुरंत लाइट बंद करवाई और पुलिस को जानकारी दी। सूचना पर मौके पर पहुंची चौहटन पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दोनों युवकों को कुएं से बाहर निकालकर अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। घटना से बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है। वहीं, मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम के लिए चौहटन अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया है।
जानकारी के अनुसार, घटना शुक्रवार दोपहर बाड़मेर जिले के चौहटन थाना क्षेत्र की है। कापराऊ के सेंवरों का तला गांव में पिछले 15 दिनों से कुएं के खुदाई काम चल रहा था। बीते दो दिनों से काम बंद था। शुक्रवार को फिर से खुदाई का काम शुरू किया था। दो मजदूर जगदीश (20) पिता सांगाराम और जगदीश पिता पूनवाराम (28) कुएं की खुदाई का काम कर रहे थे। शाम को करीब 4 बजे कुएं की खुदाई के दौरान लोहे के पाइप से लाइट तार टच होने से करंट फैल गया। इससे दोनों मजदूर करंट की चपेट में आ गए। अंदर से दोनों चिल्लाएं बाहर खड़े लोगों ने लाइट बंद की। पिता सांगाराम ने आसपास के लोगों की मदद से अपने बेटे जगदीश और जगदीश (25) पुत्र पूनमाराम निवासी भादुओं का तला नेतराड़ को आनन-फानन में कुएं से बाहर निकाला। चौहटन हॉस्पिटल लेकर गए वहां पर डॉक्टरों ने दोनों मजदूरों को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
चौहटन थाना पुलिस के एएसआई नेनाराम ने बताया कि यह हादसा शुक्रवार दोपहर करीब 4 बजे पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली। चौहटन थाना क्षेत्र के सेंवरों का तला गांव में कुंए के खुदाई के दौरान दो युवकों को करंट लग गया। सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दोनों युवकों कों अस्पताल पहुंचाया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। एएसआई नेना राम ने बताया कि मृतक जगदीश (20) पिता सांगाराम और जगदीश (28) पिता पूनवाराम कापराऊ के सेंवरों का तला गांव के निवासी है। पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए दोनों शवों को अस्पताल की मोर्चरी में रखवाकर परिजनों को सूचित कर दिया है। घटना से बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है। वहीं, मृतकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।