चूरू में सीवरेज चैंबर की सफाई के दौरान बड़ा हादसा, जहरीली गैस की चपेट में आने से 2 लोगों की मौत
चूरू। राजस्थान के चूरू में दर्दनाक हादसा हो गया है। यहां सीवरेज चैंबर की सफाई करने आए दो कर्मचारियों की मौत हो गई। दोनों कर्मचारियों ने सफाई करने के लिए जैसे ही चैंबर का ढक्कन खोला। वैसे ही एक कर्मचारी गैस की चपेट में आ गया और चैंबर में गिर गया। वहीं दूसरा कर्मचारी अपने साथी को निकालने के लिए जैसे ही चैंबर के अंदर की ओर झुका वो भी बेहोश होकर अंदर गिर गया। दोनों कर्मचारियों के चैंबर में गिरने से हड़कंप मच गया। वहीं पास ही काम कर रहे नगरपालिका कर्मियों ने मौके पर पहुंचकर करीब 10 मिनट बाद दोनों को निकाला, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। यह घटना चूरू के सुजानगढ़ शहर के चापटिया तलाई की है।
सभापति प्रतिनिधि इंद्रीश गौरी ने बताया कि सीवरेज कंपनी के लिए काम करने वाले धर्मेंद्र (34) पुत्र राजकुमार और श्रवण कुमार (41) पुत्र ओमप्रकाश चैंबर्स के रखरखाव का काम देखते थे। शनिवार को भी दोनों काम करने गए थे। श्रवण ने जब चापटिया तलाई के पास बने चैंबर को खोला तो वह गैस की चपेट में आ गया और 18 फीट गहरे चैंबर में गिर गया। धर्मेंद्र भी हड़बड़ाहट में उसे बचाने की कोशिश में अंदर गिर गया।
थोड़ी दूर ट्रैक्टर पर काम कर रहे उनके साथियों को घटना का पता चला तो वे दौड़कर बचाने के लिए पहुंचे। चैंबर में पानी भरा होने के कारण पहले नगर परिषद की जेटिंग मशीन से पानी निकाला, जिसमें करीब 10 मिनट लग गए। इस दौरान दोनों सफाईकर्मियों की मौत हो गई।
अचानक हुए हादसे की खबर मिलते ही नगर परिषद कर्मचारी, टीम हारे का सहारा के सदस्य और शहरवासी बड़ी संख्या में घटना स्थल पहुंचे। दोनों को बगड़िया हॉस्पिटल पहुंचाया। जहां डॉक्टर्स ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। बता दें कि दोनों सफाईकर्मियों के पास सुरक्षा से संबंधी बेल्ट, मास्क और दूसरी चीजें नहीं थी।
वाल्मीकि समाज ने किया प्रदर्शन
हादसे की सूचना मिलते ही बगड़िया हॉस्पिटल में वाल्मीकि समाज के लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। वाल्मीकि समाज के गुस्साएं लोगों ने पोस्टमार्टम नहीं करवाने और शव नहीं लेने की घोषणा करते हुए नगर परिषद और सीवरेज कंपनी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हॉस्पिटल के सामने करीब एक घंटे तक रास्ता जाम करके रखा। प्रदर्शन के बीच डीएसपी दरजाराम ने वाल्मीकि समाज के लोगों से समझाइश करते हुए रास्ता खुलवाया।
समझौते के लिए वार्ता जारी
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने दोनों मृतकों के परिजनों को नौकरी और बड़ी राशि मुआवजे के रूप में देने की मांग की है। उन्होंने कहा इस हादसे में जान गंवाने वाले श्रवण कुमार (41) पुत्र ओमप्रकाश निवासी वाल्मीकि बस्ती की शादी आठ साल पहले हुई थी। उसके दो बेटे हैं। वहीं हादसे के दूसरे मृतक धर्मेंद्र (34) पुत्र राजकुमार सरपटा की शादी 5 साल पहले हुई थी, उसकी बेटियां है।