तुर्की-सीरिया भूकंप: जहां भी मलबा हटाया… शवों के ढेर निकल, मृतकों की संख्या 37 हजार के पार
अंकारा। तुर्की और सीरिया में आए भूकंप में मरने वालों की तादाद अब 37,000 को पार कर गई है। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अब फोकस मलबे में दबे हुए कुछ लोगों को बचाने के बजाय, जो दसियों लाख लोग ज़िंदा बचे हैं उन्हें मदद पहुंचाने पर होगा। यूएन की राहत संस्था यूएन एड के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ ने कहा है कि भूकंप प्रभावित लोगों को रहने की जगह, खाना, स्कूल की व्यवस्था और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी मदद मुहैया कराना अब राहत एजेंसियों का फ़ोकस और बचाव कार्य लगभग समाप्त हो गया है। अभी भी मलबे के नीचे कुछ लोग दबे हो सकते हैं, भूकंप के सात दिन बाद भी कई लोगों को मलबे के नीचे से ज़िंदा निकाला गया है।
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यूएन एड प्रमुख ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र चाहता है कि सीरिया में सरकार के नियंत्रण वाले इलाकों से मदद सामग्री विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाके तक पहुंचे। अधिकतर बर्बादी विद्रोहियों के इलाकों में ही हुई है। इस क्षेत्र में सीमित मदद ही पहुंच पा रही है। इसी बीच अमेरिकी सरकार ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से कहा है कि वो विद्रोहियों के इलाकों तक अधिक मदद पहुंचने दें।
113 लोगों के गिरफ्तारी वारंट
अभी भी मलबे के नीचे से कई लोगों के जिंदा बचने की हैरतअंगेज कहानियां सामने आ रही हैं। इसी बीच तुर्की की सरकार ने बताया है कि इमारतों को बनाने में लापरवाही करने और सुरक्षा नियमों की अनदेखी करने के आरोप में अब तक 113 लोगों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किए गए हैं।
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दुगना हो सकता है मौतों का आंकड़ा
मदद में जुटी संस्था द व्हाइट हेलमेट्स का कहना है कि सीरिया के विद्रोहियों के नियंत्रण वाले इलाकों में लोग निराश हैं और उन्हें लग रहा है कि दनिु या ने उन्हें अके ला छोड़ दिया है। 6 फरवरी को तुर्की और सीरिया के सीमावर्ती इलाके में भीषण भूकं प आया था। अब तक इस भूकंप की वजह से मरने वालों की तादाद कम से कम 37000 है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि ये संख्या दोगुनी हो सकती है।