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जरा सोचिए सरकार! अस्पतालों में इलाज, दवा, जांच ‘सब फ्री’ तो पार्किंग शुल्क वसूली क्यों?

शहर के सरकारी अस्पतालों में प्रदेश सरकार लोगों को इलाज और सभी जांचों की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करा रही है, लेकिन पार्किंग शुल्क के नाम पर मरीज व उनके परिजनों से मनमानी वसूली की जा रही है।
08:02 AM Jun 29, 2023 IST | Anil Prajapat
जरा सोचिए सरकार  अस्पतालों में इलाज  दवा  जांच ‘सब फ्री’ तो पार्किंग शुल्क वसूली क्यों

(निरंजन चौधरी) : जयपुर। शहर के सरकारी अस्पतालों में प्रदेश सरकार लोगों को इलाज और सभी जांचों की सुविधा निशुल्क उपलब्ध करा रही है, लेकिन पार्किंग शुल्क के नाम पर मरीज व उनके परिजनों से मनमानी वसूली की जा रही है। ऐसा क्यों? यह सवाल ऐसे में तमाम मरीजों और उनके परिजनों के जेहन में उठ रहा है। लोगों का कहना है कि सरकारी अस्पतालों के प्रशासन का इस समस्या से वाकिफ होते हुए भी आंखें मूंदे बैठा रहना और भी आश्चर्यजनक है।

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जब ‘सच बेधड़क’ ने राजधानी के प्रमुख पांच सरकारी अस्पतालों का दो दिन पड़ताल तो पता चला कि पार्किंग के नाम पर की जा रही वसूली से मरीज और परिजन परेशान हैं। उनसे दोपहिया वाहन की पार्किंग के लिए 20 से 50 रुपए तक वसूले जा रहे हैं। और तो और, प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी सवाई मानसिंह अस्पताल के साथ ही जनाना हॉस्पिटल में दूसरे छोटे सरकारी अस्पतालों मुकाबले दोगुना पार्किंग शुल्क वसूला जा रहा है।

पार्किंग के नाम पर सबसे ज्यादा वसूली SMS अस्पताल में

सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल में स्थित तीन पार्किंग हैं और इनमें अलग-अलग नियम हैं। इसमें तीन पार्किंग स्थल हैं। इनमें इमरजेंसी और धन्वन्तरि की पार्किंग की पर्चियों में पार्किंग का निर्धारित समय अंकित नहीं है, लेकिन ट्रोमा सेंटर की पार्किंग में निर्धारित समय 4 घंटे अंकित है। इसके बाद यहां प्रति घंटे के हिसाब से चार्ज वसूला जाता है, जो करीब सौ रुपए तक बढ़ सकता है। वहीं, अन्य अस्पतालों में चार घंटे बाद चार्ज डबल हो जाता है।

4 घंटों का 20 तो कहीं 10 रुपए शुल्क 

राजधानी के पांच सरकारी अस्पतालों के सात पार्किंग स्थलों पर पाया गया कि चार घंटों का दोपहिया वाहनों का शुल्क कहीं 10 रुपए तो कहीं 20 रुपए वसूला जा रहा है। इतना ही नहीं, कुछ जगह तो यह समय घटाकर तीन घंटे ही रखा गया है। वहीं कुछ पार्किंग स्थल ऐसे भी हैं, जहां शुल्क की पर्ची में समय अंकित नहीं है, जिससे वाहन निकालते समय झगड़े जैसी स्थिति बन जाती है।

प्रतिदिन 5 हजार से अधिक वाहनों की पार्किंग 

एसएमएस हॉस्पिटल में प्रतिदिन दस हजार से भी अधिक मरीज और उनके परिजन आते हैं। ऐसे में यहां तीनों पार्किं गों में पांच हजार से भी अधिक वाहन पार्किंग के लिए आते हैं, जिन्हें प्राय: पांच से छह घंटे का समय लगता है। ऐसे लोगों को 50 रुपए से भी ज्यादा शुल्क देना पड़ता है।

ये हॉस्पिटल वसूल रहे डबल चार्ज

राजधानी के जयपुरिया, जेके लोन और कांवटिया अस्पताल में चार पहिया वाहन पार्किंग के लिए 20 रुपए वसूलते हैं। वहीं, एसएमएस हॉस्पिटल की तीनों पार्किंग में 40 रुपए चार्ज वसूला जाता है, जनाना अस्पताल में भी कमोबेश यही आलम है। बता दें, ये सभी पार्किंग स्थल अस्पतालों द्वारा टेंडर के आधार पर दिए हैं, लेकिन सभी की दरें अलग हैं।

इनका कहना है…

एमएमएस अस्पताल के अधीक्षक अंचल शर्मा का कहना है कि पार्किंग का शुल्क अधिक है। हमने इस संबंध में लिखकर भी दिया है। हमारी तरफ से पार्किंग का नया टेंडर जल्द ही निकाला जाएगा। मरीज के परिजन अभिनव शर्मा ने कहा कि मैं एसएमएस में मरीज से मिलने आया था। यहां पार्किंग के मुझसे 30 रुपए वसूले गए। जब मरीज का पूरा इलाज फ्री हो रहा है तो पार्किंग शुल्क वसूलना गलत है। सरकार को इस बारे में विचार करना चाहिए।

उत्तराखंड: पार्किंग शुल्क पर है रोक 

उत्तराखंड मेडिकल काउंसिल ने सरकारी ही नहीं, निजी अस्पतालों तक में मरीजों व परिजनों से पार्किंग शुल्क की वसूली पर रोक लगा दी है। काउंसिल के डिप्टी रजिस्ट्रार दीपक चौधरी के अनुसार काउंसिल ने पार्किंग निशुल्क करने के लिए सभी सीएमओ को निर्देश जारी किए हैं। जयपुर के लोगों का कहना है कि ऐसा राजस्थान में भी किया जा सकता है।

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