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मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-4 की हुई मौत 

08:28 AM May 05, 2023 IST | Supriya Sarkaar
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी 4 की हुई मौत 

जयपुर। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से वन्यजीव प्रेमियों के लिए निराश कर देने वाली खबर सामने आई है। इस टाइगर रिजर्व की एक मात्र बाघिन एमटी-4 की संदिग्ध मौत हो गई है। बाघिन एमटी-4 की अचानक मौत से बाघों के पुनर्वास के प्रयासों को झटका लगा है और मुकुंदरा प्रशासन फिर से सवालों के कठघरे में आ चुका है। बताया जा रहा है कि पिछले काफी दिनों से बाघिन एमटी-4 की तबीयत खराब चल रही थी। स्केट पास नहीं कर पाने की वजह से वह अत्यधिक दर्द में थी और पेट फुला हुआ था।

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एक मई को ट्रैंकुलाइज कर चिकित्सका टीम ने उसका इलाज भी किया था, लेकिन हालात में सुधार नहीं हुआ। 4 दिन बाद फिर से बाघिन को ट्रैंकुलाइज करना पड़ा। हैरानी की बात यह है कि 4 दिन के अंतराल में 2 बार ट्रैंकुलाइजेशन का दर्द एमटी-4 नहीं झेल पाई और सम्भवतः दुनिया को अलविदा कह गई। मुकंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के सीसीएफ एसपी सिंह ने बाघिन एमटी 4 की मौत की पुष्टि की है।

उन्होंने बताया कि एनटीसीए के प्रोटोकॉल के अनुसार डॉक्टरों की टीम ने एक मई को उसका इलाज किया था। 3 मई को वह फिर से अस्वस्थ नजर आई। डॉक्टरों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण के बाद इलाज का प्लान किया था। इसके लिए गुरुवार सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर बाघिन को ट्रेंकुलाइज किया। दोपहर करीब 1 बजकर 15 मिनट पर उसकी मौत हो गई।

2020 में हुई थी बाघ और बाघिन की मौत 

बाघिन एमटी-4 लाइटनिंग के नाम से प्रसिद्ध थी। जानकारों के मुताबिक दो साल पहले मुकुं दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में 6 बाध थे। 2020 में एक बाघ और एक बाघिन की मौत हो गई। साथ ही उनके शावकों की भी मौत हो गई थी। गौरतलब है कि वर्ष 2019 में बाघिन टी-83 को रणथंभौर टाइगर रिजर्व से मुकुंदरा शिफ्ट किया गया था। जहां उसे एमटी-4 नाम दिया गया।

इसकी बाघ एमटी-3 के साथ जोड़ी बनाई गई थी। सालभर यह बाघ के साथ रही। वर्ष 2020 में जोड़ीदार बाघ की मौत हो गई। बाघिन लंबे समय तक रिजर्व में अकेली रही। नवम्बर 2022 में बाघिन को बाघ एमटी-5 के रूप में नया जोड़ीदार मिला था। फिलहाल मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में एक ही बाघिन थी जो जिंदा थी।

पेट में गांठ का या फिर गर्भवती होने का भी अंदेशा 

एमएचटीआर के फील्ड डायरेक्टर और सीसीएफ एसपी सिंह का कहना है कि एमटी-4 के मलाशय के बाहर निकले होने या गांठ होने की जानकारी सामने आई थी। गुरुवार सुबह करीब 9 बजे उसे ट्रेंकुलाइज किया था। जिसके बाद वह 10:30 बजे रिवाइव हो गई थी। इसके बाद दोपहर 1:15 बजे उसने दम तोड़ दिया।

बाघिन को कॉन्स्टिट्यूशन की शिकायत थी। पेट में गांठ का या फिर उसके गर्भवती होने का भी अंदेशा था। ऐसे में एक्सरे मशीन भी उसके लिए लेकर गए थे। डीसीएफ मुकुंदरा बीजो जॉय ने बताया था कि बुधवार को निरीक्षण के दौरान पता चला कि बाघिन के मलाशय में एक छोटा सा उभार है। इसके उपचार के लिए रणथंभोर के डॉ. राजीव गर्ग व मुकुंदरा के डॉ. तेजेंद्र रियाड़ ने सिफारिश की थी।

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